बीएनपी न्यूज डेस्क। Padma Bridge दक्षिण एशिया का सबसे युवा देश बांग्लादेश लगातार सफलता की नई कहानी लिख रहा है। कर्ज के पहाड़ तले दबा पाकिस्तान जहां कंगाली की हालत से गुजर रहा है, वहीं शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश दक्षिण एशिया में बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभर रहा है। बांग्लादेश की पीएम इस करीब 3.9 अरब डॉलर के पद्मा ब्रिज को बनाना चाहती थीं। शेख हसीना ने ब्रिज को बनाने के लिए विश्व बैंक से आर्थिक मदद मांगी। इस बीच खबरें आईं कि शेख हसीना का लंबे समय से विरोध कर रहे अमेरिका ने विश्वबैंक पर दबाव डाला कि वह पद्मा ब्रिज प्रॉजेक्ट से हट जाए। पाकिस्तान से आजादी के समय ही शेख हसीना के पिता शेख मुजीब का अमेरिका ने विरोध किया था। तभी से दोनों के बीच यह अदावत चली आ रही थी।
Padma Bridge पद्मा नदी पर शेख हसीना ने 6.15 किमी लंबे रेल-रोड पुल का उद्घाटन कर दुनिया को सकते में डाल दिया। पाकिस्तान की क्रूरता से आजाद होने के बाद बांग्लादेश में यह अब तक का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट है। चीन की मदद से बनाए गए इस विशाल पुल से शेख हसीना ने न केवल अपने विरोधियों को चित कर दिया बल्कि अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले बड़ी लकीर खींच दी। बांग्लादेश की पीएम इस करीब 3.9 अरब डॉलर के पद्मा ब्रिज को बनाना चाहती थीं। शेख हसीना ने ब्रिज को बनाने के लिए विश्व बैंक से आर्थिक मदद मांगी। इस बीच खबरें आईं कि शेख हसीना का लंबे समय से विरोध कर रहे अमेरिका ने विश्वबैंक पर दबाव डाला कि वह पद्मा ब्रिज प्रॉजेक्ट से हट जाए। पाकिस्तान से आजादी के समय ही शेख हसीना के पिता शेख मुजीब का अमेरिका ने विरोध किया था। तभी से दोनों के बीच यह अदावत चली आ रही थी।
Padma Bridge पद्मा ब्रिज के बनने का सबसे बड़ा फायदा भारत को होने जा रहा है। इस पुल के बनने से अब कोलकाता से ढाका के बीच की दूरी आधी हो गई है। यही नहीं अब बांग्लादेश के रास्ते भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों तक जाने का रास्ता भी बहुत कम हो गया है। विश्वबैंक का अनुमान है कि इस पुल के बन जाने से बांग्लादेश और भारत को राष्ट्रीय आय में 8 से 10 फीसदी की वृद्धि होगी और निर्यात भी 182 से 297 फीसदी तक बढ़ जाएगा। बढ़े व्यापार से भारत के अलावा नेपाल, भूटान और म्यांमार को भी बड़ा फायदा होने जा रहा है। पद्मा ब्रिज एशियाई हाइवे का अभिन्न हिस्सा होगा।
बांग्लादेश के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पद्मा ब्रिज के बनने से अब राजधानी ढाका का सभी दक्षिणी जिलों और देश के दूसरे बंदरगाह मोंगला से कनेक्शन हो जाएगा। इससे देश की सालाना जीडीपी में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी। अनुमान है कि इस पुल के बनने से अब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में 10 अरब डॉलर जुड़ जाएगा। बांग्लादेश में अब दो विशालकाय नदियों पद्मा और जमुना पर पुल बन गया है जिससे पूरा देश एकीकृत और कनेक्टेड इकॉनमी बन गया है। इस पुल के नहीं रहने पर हर साल बड़ी संख्या में लोग पद्मा नदी में डूबकर मर जाते थे। अब इससे बड़ी राहत मिलेगी। इससे पहले साल 1996 में सत्ता में आने के बाद शेख हसीना ने जमुना नदी पर बन रहे पुल को पूरा कराया था।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस पुल के बनने से अब दक्षिण एशिया के पूरे पूर्वी हिस्से में ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। शेख हसीना ने इस पुल को बनाने का सपना साल 2001 में ही देखा था और उसे अपनी पार्टी के घोषणपत्र में शामिल किया था। शेख हसीना ने जब इस प्रॉजेक्ट को खुद से पूरा करने का प्रण किया तो उसे कई लोगों ने पागलपन करार दिया था लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया। यही वजह है कि बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने हाल ही में इसे ‘शेख हसीना का असाधारण साहस और ईमानदारी करार दिया था। पश्चिमी देशों के एजेंडे पर चलने वाले एनजीओ शेख हसीना के खिलाफ अभियान चला रहे थे, लेकिन बांग्लादेशी पीएम इससे दबाव में नहीं आईं। उन्होंने इस्लामिक विपक्षी दलों के आगे नहीं झुकने का फैसला किया और इस पुल को पूरा किया। शेख हसीना के प्रयास हैं कि बांग्लादेश में करोड़ों लोग गरीबी से बाहर निकल आए हैं और अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है।7
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