BNP NEWS DESK। Amarnaath yaatra अब बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए यात्रियों का रास्ता और भी आसान हो जाएगा। बालटाल से पवित्र गुफा तक सड़क बनाने का काम चल रहा है। बड़ी बात ये है कि इस सड़क निर्माण का काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अपने जिम्मे ले लिया है। इस बड़े बदलाव के बाद से ही सड़क बनाने का काम जोरो पर हैं।
बालटाल से पवित्र गुफा को जोड़ने वाले एकमात्र रास्ते पर सड़क बनाने का काम चल रहा है। खास बात यह है कि प्रोजेक्ट की कमान अब बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन BRO ने संभाल ली है। इसके बाद काम युद्धस्तर पर चल रहा है।
Amarnaath yaatra बालटाल से गुफा तक की दूरी फिलहाल 13.2 किलोमीटर है। इसके बीच में डोमेल, बरारी और संगम स्थान आते हैं। बालटाल से निकलते ही करीब 2.5 किलोमीटर का रास्ता काफी जोखिम भरा और खड़ी चट्टानों वाला है। अब इसे सुरक्षा की दृष्टि से वर्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि यात्रा सुरक्षित और आरामदायक होगी। बीआरओ ट्रैक को और चौड़ा बनाने जा रही है ताकि खतरा और कम किया जा सके।
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि बर्फबारी शुरू होने से पहले ज्यादातर काम पूरा कर लिया जाए। अगले साल तक इस रोड को शुरू करने की योजना है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने कुशल कामगार और एडवांस्ड मशीनरी जुटाई है।
दरअसल, पहले टेक्नोलॉजी और संसाधनों की कमी के चलते काम धीमी गति से चल रहा था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सितंबर में सड़क के विकास, रखरखाव और प्रबंधन का काम BRO को सौंपा। 29 सितंबर को काम फिर से शुरू कर दिया गया।
बालटाल से पवित्र गुफा तक लगता है पूरा दिन
अभी बालटाल से पवित्र गुफा तक जाने में 7 से 8 घंटे लगते हैं। भीड़ के चलते 5 घंटे ज्यादा लगते हैं। इस तरह पूरा दिन लग जाता है। नई चौड़ी रोड बनने से श्रद्धालु 4-5 घंटे में गुफा पहुंच सकेंगे। बालटाल और पवित्र गुफा के बीच की दूरी करीब 13.2 km है। बीच में डोमेल, बरारी और संगम आते हैं। बालटाल से डोमेल 2.75 km आगे है। यहां खड़ी चट्टानें और घाटियां हैं, जो इसे खतरनाक बनाती हैं। रोड बनने के बाद यात्रा सुरक्षित और आनंददायक हो जाएगी।
रोज 10-12 घंटे चल रहा काम
सैकड़ों श्रमिक दर्जनों मशीनों के जरिए 10-12 घंटे एक साथ कई जगह काम कर रहे हैं। अब तक 3.8 km के शुरुआती हिस्से की कटिंग हो चुकी है। डोजर, रॉक ब्रेकर आदि भी लगाए गए हैं। डोमेल के आगे ऐसे भारी उपकरण और मशीनरी पहले कभी इस्तेमाल नहीं किए गए। 9 km के रास्ते पर काम बाकी है। मशीनों के आगे बढ़ते ही यहां भी काम शुरू होगा।
प्रोजेक्ट के तहत होने वाले काम
प्रोजेक्ट में यात्रा ट्रैक को चौड़ा करना, संकरी जगह और ढलान वाले स्थान की मरम्मत करना, खतरनाक जगह पर ट्रैक को नया रूप देना, फिसलन वाले स्थानों को ठीक करना शामिल है।
नए रोड के फायदे
– ट्रैक पूरा हो जाने के बाद श्रद्धालु एक दिन से भी कम समय में आधार शिविर लौट सकेंगे। हालांकि, एक दिन में लौटना आज भी संभव है, लेकिन खराब मौसम और भूस्खलन के खतरे के चलते यह संभव नहीं हो पाता।
– अभी बैटरी वाहन डोमेल तक जा पाते हैं। आगे सड़क जोखिम भरी है। सब प्लान मुताबिक होता है तो बैटरी वाहन डोमेल से आगे जा सकेंगे।
– अभी घोड़ों और पिट्ठू वालों को संकरे रास्ते पर चलना पड़ता है। इससे जाम लगता है। रोड बनने पर जाम नहीं लगेगा।
– अमरनाथ गुफा तक केबल कार परियोजना पर भी काम चल रहा है। सब ठीक रहा तो 2023 से इसका काम शुरू हो सकता है।
– बादल फटने या आपातकालीन स्थिति में बचाव दल पहुंच सकेगा। पीड़ितों को तत्काल निकाला जा सकेगा। अभी पूरा दिन लग जाता है।
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Amarnaath yaatra
अब बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए यात्रियों का रास्ता और भी आसान हो जाएगा। बालटाल से पवित्र गुफा तक सड़क बनाने का काम चल रहा है।
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