Bnp news desk । Pushkaralu 2023 धर्म नगरी काशी में अगले माह एक बार फिर उत्तर-दक्षिण का संगम होगा। इसमें श्रद्धा-भक्ति के अनूठे रंग नजर आएंगे जब दक्षिण से आने वाले श्रद्धालु काशी में गंगा में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को शीश नवाएंगे। यहां 22 अप्रैल से पुष्करालु मेला लगने जा रहा है जो तीन मई तक चलेगा।
Pushkaralu 2023 इसमें हर दिन एक से डेढ़ लाख तक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले नवंबर में काशी-तमिल संगमम् में भी धर्म नगरी उत्तर दक्षिण के मेल की साक्षी बन चुकी है। वास्तव में दक्षिण भारतीय समाज हर साल अलग-अलग नदियों पर पुष्करालु मनाता है। इसमें 11 वर्ष बाद गंगा का क्रम आया है। विश्वनाथ-गंगा एक साथ मिलने काशी में इसका विशेष मान हो जाता है। श्रद्धालु यहां स्नान-दान व पिंडदान करेंगे।
होटल फुल, ट्रेने रिग्रेट
पुष्करालु मेला के चलते 20 अप्रैल से लेकर मई के प्रथम सप्ताह तक शहर के सभी होटल, धर्मशालाएं पूरी तरह बुक हैं। दक्षिण से आने वाली ट्रेनें रिग्रेट बता रही हैं। एक स्पेशल ट्रेन भी आएगी। भोजन-भंडारा के लिए दक्षिण भारत से कई संस्थाएं आ रही हैं।
‘गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु,, कावेरी, कृष्णा, भीमा, ताम्रपर्णी समेत 12 नदियों पर अलग-अलग वर्षों में पुष्करालु का आयोजन किया जाता है। ज्योतिष गणना अनुसार 14 अप्रैल को मेष राशि में सूर्य का प्रवेश हो रहा है। काशी में गंगा का स्नान पुण्यकारी माना गया है।’
-सुब्रह्मण्यम मणि, प्रबंधक, कांची मठ
‘पुष्करालु मेला 22 अप्रैल से है लेकिन लोग दो-तीन दिन पहले से आने लगेंगे। प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक लोग आएंगे। शिवरात्रि पर कम लोग आए थे। लोगों ने पुष्कारालु को लेकर विशेष प्लान किया था। ’
– वीवी सुंदर शास्त्री, मैनेजिंग ट्रस्टी, रामतारक आंध्रा आश्रम
The Review
Pushkaralu 2023
Pushkaralu 2023 धर्म नगरी काशी में अगले माह एक बार फिर उत्तर-दक्षिण का संगम होगा। इसमें श्रद्धा-भक्ति के अनूठे रंग नजर आएंगे
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