बीएनपी न्यूज डेस्क। Akhilesh Yadav समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के आजमगढ़ के दौरे के सियासी मायने लगाए जा रहे थे। सबकी निगाहें उनकी फूलपुर-पवई के विधायक रमाकांत यादव से मुलाकात पर टिकी थीं। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद लोग मीटिंग को सियासी चश्मे से देखे और उसके अपने-अपने हिसाब से निहतार्थ भी निकाले। लेकिन उनके दौरे का एक महत्वपूर्ण मकसद भी निकला हीरालाल के लौंगलता के बहाने।
जहां अखिलेश यादव रुके, मिठाई खाई, उसकी जमकर तारीफ करते अपनी 38 बिस्वा जमीन की निगरानी की। दरअसल, उस जमीन पर आलीशान सपा कार्यालय बनाकर पूर्वांचल की राजनीति को खाद-पानी देने की तैयारी है।
अखिलेश यादव का काफिला लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए रफ्तार भरा तो रुका आजमगढ़ के अनवरगंज बाजार में हीरालाल यादव की दुकान पर। यहां अखिलेश ने लौंगलता की डिमांड की, उसे खाया और जमीकर तारीफ की। यह दूसरी बार है, जब सपा मुखिया का काफिला वहां रुका। यूं तो हीरालाल की लौंगलता, बर्फी, पेड़ा की इलाके में खूब तारीफ होती है।
लाजिमी भी कि हीरालाल अपने उत्पाद में शुद्धता का विशेष ख्याल रखते हैं, लेकिन इसके पीछे की एक और कहानी है कि लौंगलता के बहाने ही सपा मुखिया संगठन के कार्यालय के लिए खरीदी गई जमीन पर कई बार गौर से देखते नजर आए। उनकी जमीन उनसे महज 20 की दूरी पर स्थित है। विधानसभा चुनाव से पूर्व सपा संगठन के नाम से जमीन की खरीदारी की गई थी।
अब लगता है कि उस भूमि पर आलीशान सपा कार्यालय बनने का समय आ गया है, क्योंकि विगत कई चुनावों में खट्टे-मीठे अनुभवों के बाद अखिलेश आजमगढ़ से रिश्तों में खाद-पानी देने की कोशिश कई बार करते नजर आए। यहां के लोगों के दुख-मुसीबत में खुद शामिल होकर उसे साबित भी किए हैं। हालांकि, इसके बारे में सीधा कोई कुछ जवाब नहीं दे रहा है, लेकिन भूमि क्रय के समय यही बात कही गई थी कि आजमगढ़ से ही पूर्वांचल में राजनीति की नींव और पक्की की जाएगी।
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Akhilesh Yadav
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के आजमगढ़ के दौरे के सियासी मायने लगाए जा रहे थे।
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