BNP NEWS DESK। Mau Council School यूपी के मऊ जिले के परिषदीय स्कूल के नौनिहालों की पढ़ाई में रुचि के लिए अध्यापक तरह-तरह के के प्रयास कर उनका ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के पढ़ने की संख्या निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना खंड शिक्षा क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय सलेमपुर के अध्यापक सुभाष कुमार छात्रों को पढ़ाने का नया जरिया ढूंढ़ लिए हैं।
कई माह में इस स्कूल के बच्चों की पढ़ाई में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिला
गुरुजी गिनती, पहाड़ा व कविता को भजन के स्वर में ढाल बनाकर पढ़ाते हैं। इससे बच्चों का न सिर्फ माइंड मोटिवेट हो रहा है, बल्कि बच्चों को आसानी से याद हो रहा है। पिछले कई माह में इस स्कूल के बच्चों की पढ़ाई में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिला है। यही नहीं गुरू जी की इस पढ़ाई को इंटरनेट मीडिया पर भी खूब पसंद किया जा रहा है। विद्यालय के बच्चे भी गुरुजी के काफी मुरीद हाे गए हैं।
सुभाष कुमार मूल रूप से मुहम्मदाबाद गोहना के इटौरा चौबेपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी पहली नियुक्ति वर्ष 1999 में कोपांगज विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय अल्लीपुर में हुई थी। पहले से ही बच्चों के प्रति शिक्षण कार्य में उनका बेहद लगाव रहा है। वह बच्चों को पढ़ाने के लिए हर हथकंडे अपनाते रहें हैं।
गुरुजी का पहाड़ा याद कराने का अंदाज हो गया वायरल
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— Shailendra Yadav (@ShailendraA2Y) October 18, 2022
वर्ष 2011 से कंपोजिट विद्यालय सलेमपुर में तैनात हैं। प्राय: वह सभी बच्चों को पढ़ाते हैं लेकिन एक से कक्षा पांच तक के बच्चों को पढ़ाने में काफी रूचि लेते हैं। सुबह प्रार्थना के दौरान वह कविता, गीत व कला के माध्यम से छात्र-छात्राओं को आकर्षित करते हैं। इस दौरान उन्हें समाचार भी बताए जाते हैं।
करीब पंद्रह मिनट तक अध्यापक बच्चों का मनोरंजन भी करते हैं। उन्हें संस्कार भी सिखाया जाता है। दोपहर 2.30 बजे के बाद कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को गोलाई में बैठा दिया जाता है। इसके बाद गुरु जी झाल बजाना शुरू कर देते हैं।
भक्ति सहित कई धुनों के अनुसार वह पहाड़ा, कविता व अन्य विषय भी पढ़ाते हैं। यही नहीं कभी वह छात्रों के करीब आ जाते हैं तो कभी दूर चले जाते हैं। करीब जाने पर छात्र ठहाके लगाहर हंस देते हैं। इससे उनका ध्यान गुरुजी की तरफ हमेशा बना रहता है।
नौनिहालों में दिख रहा काफी परिवर्तन
सुभाष कुमार का कहना है कि पिछले कुछ माह पहले उनके दिमाग में आया कि वह छात्रों का मनोरंजन कर कुछ मोटिवेट करें। इसके बाद वह बाजार से झाल खरीद लिए। इसके बाद छात्रों के सामने बजाना शुरू कर दिए। पहले तो कुछ लोगों ने इसका उपहास उड़ाया लेकिन छात्रों ने इसे पसंद किया।
गुरुजी उनसे बार-बार झाल बजाकर पढ़ाने को प्रेरित करते थे। इसके बाद गोलाई में बैठाकर चाहे गणित का विषय हो या विज्ञान, सभी को पढ़ाने लगे। इसका परिणाम हुआ कि धीरे-धीरे छात्रों को 20 तक पहाड़ा और विज्ञान, इतिहास आदि बेहतर याद आने लगा।
शिक्षक के पढ़ाई से बीएसए भी मुरीद
शिक्षक के नए ढंग के शिक्षण कार्य से बीएसए डा. संतोष कुमार सिंह भी मुरीद हैं। उनका कहना है कि इस तरह का प्रयास लगभग सभी शिक्षकों को करना चाहिए। छात्रों को मोटिवेट करने के लिए हर कोई नया प्रयास कर सकता है। शिक्षक सुभाष कुमार का प्रयास सराहनीय है। इनसे सभी शिक्षकों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
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Mau Council School
Mau Council School यूपी के मऊ जिले के परिषदीय स्कूल के नौनिहालों की पढ़ाई में रुचि के लिए अध्यापक तरह-तरह के के प्रयास कर उनका ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं।
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