BNP NEWS DESK Hanuman Darshan in Ramnagar काशी राजघराने के रामनगर स्थित दुर्ग में स्थित श्यामवर्ण दक्षिणमुखी हनुमान जी के दर्शन के लिए शुक्रवार को पूरे दिन दुर्ग से लेकर अयोध्या मैदान तक लोगो की लम्बी कतार लगी रही ।
10 बजे से यह मंदिर लोगो के दर्शन के लिए खोला गया
Hanuman Darshan in Ramnagar इस दौरान 20 हजार से अधिक लोगो ने मंदिर में मत्था टेका । वर्ष में एक दिन भोर की आरती वाले दिन खुलने वाले इस मंदिर में इस बार प्रत्येक वर्ष की तुलना में अधिक भीड़ रही इस दौरान महिलाओ की भीड़ पुरुषों की तुलना में ज्यादा रही ।
आम जनमानस के लिए खोले गए इस मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से लोगो की लंबी लाइन लगी रही वही 10 बजे से यह मंदिर लोगो के दर्शन के लिए खोला गया । तल्ख धूप के बावजूद देर शाम तक लोग 500 मीटर लंबी कतार में खड़े दिखाई दिए ।
श्यामवर्ण हनुमान जी प्रतिमा पूरे विश्व मे अनूठी है
यह मंदिर इसलिए भी खास है कि इसकी लोकमान्यताएं की मानें तो रामनगर किले के दक्षिणी छोर पर विराजमान श्यामवर्ण हनुमान जी प्रतिमा पूरे विश्व मे अनूठी है किले के भीतर खुदाई के दौरान मिली इस प्रतिमा को सैकड़ो साल पहले काशीराज परिवार ने किले के ही दक्षिणी छोर में मंदिर निर्माण करके प्रतिस्थापित कराया था।
यह मान्यता है कि इस प्रतिमा का सम्बंध त्रेतायुग में श्रीराम रावण युद्धकाल से है तब रामेश्वरम में लंका जाने के लिए जब भगवान राम समुन्द्र से रास्ता माँग रहे उस समय समुन्द्र ने पहले तो उन्हें रास्ता नही दिया ।
इस पर कुपित होकर श्रीराम ने बान से समुन्द्र को सूखा देने की चेतावनी दी । इस पर भयभीत होकर प्रकट हुए समुन्द्र द्वारा श्रीराम से माफी माँगी गयी और अनुनय विनय किया गया इसके पश्चात श्री राम ने प्रत्यंचा पर चढ़ चुके उस बान को पश्चिम दिशा की ओर छोड़ दिया ।
इसी समय बान के तेज से धरती वासियो पर कोई मुसीबत ना आये इसके लिए हनुमान जी घुटने के बल बैठ गये, जिससे धरती को डोलने से रोका जा सके वही श्री राम के बाण के कारण हनुमान जी का पूरा देह झुलस गया,जिसके कारण उनका रंग काला पड़ गया ।
इस मंदिर में प्रतिस्थापित हनुमान जी की प्रतिमा भी श्यामवर्ण में ही है । यह मूर्ति रामनगर किले में जमीन के अंदर कैसे आयी,ये किसी को ज्ञात नही है। बाद में भोर की आरती वाले दिन आमजनमानस के लिए खोले जाने वाले इस मंदिर में दर्शन की परम्परा सैकडों वर्ष बाद आज भी बदस्तूर जारी है ।
रामनगर की सड़कों पर दिखा आस्था का जनसैलाब
श्रीराम राज्याभिषेक के बाद नगर की सड़कें सारी रात गुलजार रही । शुक्रवार को भोर में होने वाली आरती को देखने के लिए लाखो की संख्या में लोग पूरी रात नगर में जगह जगह हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिरकत करते दिखे ।
शुक्रवार प्रातःकाल जैसे ही 5.35 बजे काशिराज परिवार के अनन्त नारायण सिंह किले से बाहर आते है हर हर महादेव के उदघोष में पूरा नगर गूंज उठता है । भीड़ इतनी की मानो लोग पानी की तरह बह रहे हो ।
आस्था अपने चरम पर थी । काशिराज परिवार के अनन्त नारायण सिंह अपने राजपरिवार के सदस्यों व दरबारियों के साथ दुर्ग से पैदल चलकर अयोध्या मैदान पहुंचते है ।
सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर भगवान भास्कर ने जैसे ही अपनी आँखें खोली,माता कौशल्या ने अयोध्या के सिंहासन पर विराजमान श्रीराम व सीता साथ मे खड़े भरत,लक्ष्मण,शत्रुध्न तथा श्रीराम के चरणों मे नतमस्तक भक्त शिरोमणी हनुमान जी की आरती उतारी ।
भोर की आरती के नाम से प्रसिद्ध इस आरती को लेने के लिए अयोध्या मैदान व आस पास के भवनों पर देर रात्रि से ही जमे लीलाप्रेमियो ने सपरिवार रंग-बिरंगी महताबी की लाल श्वेत रोशनी में इस अनुपम झाँकी को अपने मानस पटल पर अंकित कर लिया।
अनन्त नारायण सिंह ने भी खड़े होकर राम राज्याभिषेक की आरती का दर्शन कर अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित परम्पराओ का बखूबी निर्वहन किया । हर हर महादेव के उदघोष के बीच अनंत नारायण सिंह जहाँ आरती परम्परा के बाद हवाखोरी के लिए निकले।
वही श्री राम को कंधे पर उठाये बजरंग बली व सीता,लक्ष्मण,भरत,शत्रुधन को उठाये भक्तगणो के साथ पांचों स्वरूप बाजार भृमण का प्रसंग सम्पन्न कराने लीलास्थल से बलुआघाट स्थित धर्मशाला पहुँचे ।
The Review
Hanuman Darshan in Ramnagar
काशी राजघराने के रामनगर स्थित दुर्ग में स्थित श्यामवर्ण दक्षिणमुखी हनुमान जी के दर्शन के लिए शुक्रवार को पूरे दिन दुर्ग से लेकर अयोध्या मैदान तक लोगो की लम्बी कतार लगी रही ।
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