BNP NEWS DESK | Makar Sankranti मकर संक्रांति पर मकर राशि में सूर्य, शुक्र, शनि का संचरण होने से त्रिग्रहीय योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। चित्रा व स्वाति नक्षत्र का संचरण पुण्यकारी है।
Makar Sankranti स्नान पर्व इस बार दो दिन शनिवार व रविवार को पड़ेगा। परंपरा के अनुसार 14 जनवरी को स्नान होगा, मुहूर्त की बात करें तो यह 15 जनवरी को है। प्रयाग और काशी में मकर संक्रांति स्नान के लिए माघ मेले में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। मेले के इस द्वितीय स्नान पर्व की पुण्य बेला में पावन त्रिवेणी जल में पुण्य की डुबकी लगाने को हर कोई आतुर है। भक्तिभाव से ओतप्रोत बच्चे, युवा व बुजुर्ग मेला क्षेत्र पहुंच रहे हैं।
संक्रांति 14 जनवरी की रात 3.01 बजे लगेगी। सूर्य मकर राशि में आकर उत्तरायण होंगे। समस्त शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। संक्रांति 15 जनवरी की दोपहर 2.27 बजे तक है। उदयातिथि के कारण रविवार को उसका पुण्यकाल दिनभर माना जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि संगम में स्नान करके यथासंभव दान करना अत्यंत पुण्यकारी है।
अत्यंत पवित्र है सूर्य का उत्तरायण
देवताओं व असुरों के दो ध्रुव हैं। सूर्य के उत्तरायण होने पर छह माह के लिए देवताओं का दिन होता है। धर्मग्रंथ सिद्धांत शिरोमणि में इसका उल्लेख है। सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह पवित्र कालखंड है, समस्त शुभ कार्य किए जाते हैं।
सूर्य के उत्तरायण होने पर धार्मिक चिंतन का प्रभाव बढ़ता है। इस काल को योगी पसंद करते हैं। इसी कालखंड में भीष्म पितामह ने अपना शरीर छोड़ा था।
त्रिग्रहीय योग का अद्भुत संयोग
मकर संक्रांति पर मकर राशि में सूर्य, शुक्र, शनि का संचरण होने से त्रिग्रहीय योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। चित्रा व स्वाति नक्षत्र का संचरण पुण्यकारी है। कंबल, खिचड़ी, तांबा, स्वर्ण का दान करना चाहिए। लोहा व उड़द का दान नहीं करना चाहिए।
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