BNP NEWS DESK। Varanasi Boat Accident गंगा में एक बड़ा हादसा टल गया। 34 यात्रियों से भरी नाव डूबने से बची। घाट के सामने से उस पार रेती पर जाते समय नाव में पानी भरने से नाव का संतुलन बिगड़ा और नाव पलटने से यात्रियों में चीख पुकार मच गई। तुरंत आसपास के नाविक और जल पुलिस मौके पहुंची और सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
हर बार वाराणसी में नाव हादसे के बाद यही कहा जाता है कि क्षमता से ज्यादा सवारी और लापरवाही। नाविक तो रुपये के लालच में सवारी भर लेते लेकिन जल पुलिस भी इस दिशा में ध्यान नहीं देती। आने वाले दिनों में वाराणसी में निरंतर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी तो ऐसे में एक इमानदार पहल जरूरी है।
— Bharatnewspost (@Bharatnewspost1) November 26, 2022
सभी पीड़ित आंध्र के राजामंद्री जिले के निवासी
Varanasi Boat Accident घटना के बाद काशी के पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश ने नाव दुर्घटना के पीड़ितों से बातचीत की। सभी पीड़ित आंध्र के राजामंद्री जिले के निवासी हैं। पुलिस कमिश्नर ने अपनी मातृ भाषा तेलुगू में कई लोगों से बातचीत की। घायलों के इलाज के लिए बीएचयू के डॉक्टर्स से भी बातचीत की। पुलिस प्रशासन द्वारा तत्काल गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। पुलिस कमिश्नर ने भरोसा दिलाया है कि प्रशासन हर संभव मदद करेगा। घायलों का बेहतर से बेहतर इलाज कराया जायेगा।
— Bharatnewspost (@Bharatnewspost1) November 26, 2022
नाव हादसे के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से नाविक की लापरवाही को प्रारंभिक तौर पर जिम्मेदार माना गया है। इस हादसे में अधिक सवारियों को बैठाने की वजह से नाव का बैलेंस बनाने के लिए जोड़ा गया पटरा बोझ न सह पाने की वजह से टूट गया। जिससे नाव में पानी भरने लगा और हादसे में 34 लोग नदी में डूबने लगे। हालांकि, दो लोग नाव से कूदने की वजह से चोटिल हो गए जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों ही घायल आदि नारायणा और ओपी विजया (पति-पत्नी) आंध्र के राजामंद्री जिले के निवासी बताए गए हैं।
नौका में नहीं थे बचाव के उपाय
नौका संचालक की ओर से नाव में हर यात्री के साथ लाइफ जैकेट अनिवार्य तौर पर होना चाहिए। हादसे की सूरत में लोगों की जान की रक्षा के लिए नाव पर लाइफ गार्ड की भी तैनाती अनिवार्य है। इसके साथ ही नौका की फिटनेस भी ठीक नहीं होने की वजह से पटरा टूटने की बात सामने आई है। लेकिन, इन प्रारंभिक सुरक्षा उपायों पर भी नौका चालक ने कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में सुरक्षा उपायों को धता बताते हुए यात्रियों की जान जोखिम में डालने का भी चालक पर आरोप है। वहीं नाविक के फरार होने से भी कई सवाल खड़े हुए हैं। ऐसे में विधिक कार्रवाई नौका चालक पर पुलिस कर रही है।
पुलिस करेगी विधिक कार्रवाई
”सवा सात बजे केदार घाट से आंध्र प्रदेश के श्रद्धालुओं को लेकर नाव निकली थी। शीतला घाट के सामने पटरा टूटने की वजह से नाव में पानी भर गया और मल्लाह व जल पुलिस की सहायता से सभी को बचा लिया गया है। नाव में लाइफ जैकेट और बचाव के उपाय नहीं होने की वजह से यह हादसा हुआ है। इस बाबत संबंधित पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।” – अवधेश पांडेय, एसीपी वाराणसी।
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हर बार वाराणसी में नाव हादसे के बाद यही कहा जाता है कि क्षमता से ज्यादा सवारी और लापरवाही। नाविक तो रुपये के लालच में सवारी भर लेते लेकिन जल पुलिस भी इस दिशा में ध्यान नहीं देती।
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