बीएनपी न्यूज डेस्क। वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल में सात मार्च को अंतिम चरण में वाराणसी सहित सोनभद्र, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, भदोही, मीरजापुर, चंदौली, चंदौली आदि जिलों में सातवें चरण में वोटिंग है। पश्चिम व अवध क्षेत्र में बढ़त का दावा करने वालों को पूर्वांचल से काफी आशा है। वैसे जानकारों का मानना है कि प्रदेश की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से होकर जाता है। 2017 चुनाव में ऐसा हुआ भी था। भाजपा पूर्वांचल में बड़ी जीत दर्ज कर सत्ता हाथिया ली थी। परिणामस्वरूप पूर्वांचल से जीते 10 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इसमें से एक दारा सिंह चौहान पार्टी छोड़ दिए हैं। बलिया में दो मंत्रियों का भाग्य छठें चरण में ईवीएम में बंद हो चुका है। क्षेत्र के आजमगढ़, वाराणसी व मीरजापुर मंडल में सातवें चरण की जिन 54 सीटों पर मतदान होना हैं उनमें प्रदेश सरकार के सात मंत्री मैदान में हैं जिनका सात मार्च को लिटमस टेस्ट होना है। इसमें वाराणसी में ही तीन मंत्री हैं। इन मंत्रियों को जिताने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के चाणक्य गृह मंत्री अमित शाह से लगायत बड़ी संख्या में राष्ट्रीय व प्रादेशिक स्तर के नेता कमान संभाल लिए हैं। सातवें चरण में सात मार्च को सात मंत्रियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा।
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