BNP NEWS DESK। Varanasi Gyanvapi Case विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र ङ्क्षसह विसेन ने कहा है कि ज्ञानवापी से जुड़े वो मुकदमे, जिसमें वह स्वयं या संघ से जुड़े लोग मुख्य पक्षकार हैं, उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप देंगे। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया चल रही है और 15 नवंबर तक मुख्यमंत्री को पावर आफ अटार्नी सौंप दिया जाएगा।
Varanasi Gyanvapi Caseको लेकर विभिन्न अदालतों में चल रहे पांच मुकदमों में विश्व वैदिक सनातन संघ मुख्य पक्षकार है। इनमें ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर जिला जज की अदालत में राखी ङ्क्षसह समेत पांच महिलाओं की ओर से दाखिल मुकदमा भी है। विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन ङ्क्षसह ने ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक समेत अन्य मांगों को लेकर प्रार्थना पत्र दिया हुआ है। तीन अन्य मामलों को विश्व वैदिक सनातन संघ देख रहा है। विसेन से जब पूछा गया कि क्या उनकी इस संबंध में मुख्यमंत्री या उनके किसी प्रतिनिधि से बात हुई है, तो जवाब मिला कि थोड़ी प्रतीक्षा कीजिए, पावर आफ अटार्नी देने से एक दिन पूर्व प्रेस कान्फ्रेंस कर हर सवाल का जवाब दिया जाएगा।
दो धड़े में बंटा मंदिर पक्ष
ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर मंदिर पक्ष दो धड़ों में बंट गया है। ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में वादिनी राखी ङ्क्षसह एक ओर हैं। उन्होंने मुकदमे का पावर आफ अटार्नी विसेन को दिया है। उनके वकील शिवम गौड़, मान बहादुर ङ्क्षसह व अनुपम द्विवेदी हैं। इसी मुकदमे में चार अन्य वादी महिलाओं के वकील हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन आदि हैं। ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवङ्क्षलग की कार्बन डेङ्क्षटग की चार वादिनी की मांग का विरोध राखी ङ्क्षसह की ओर से अदालत में किया गया था।
यह है पावर आफ अटार्नी
यह कानूनी दस्तावेज किसी व्यक्ति को गैरमौजूदगी में उसकी संपत्ति व वित्त मामलों का प्रबंधन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
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Varanasi Gyanvapi Case
विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र ङ्क्षसह विसेन ने कहा है कि ज्ञानवापी से जुड़े वो मुकदमे, जिसमें वह स्वयं या संघ से जुड़े लोग मुख्य पक्षकार हैं, उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप देंगे।
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