बीएनपी न्यूज डेस्क। service charge सर्विस चार्ज को लेकर कई हफ्तों से चल रही बहस ने एक अहम मोड़ ले लिया है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए ने सर्विस चार्ज को लेकर नए नियम बना दिए हैं। सीसीपीए के मुताबिक कोई भी रेस्टोरेंट अपने क्लाइंट को सेवा देने के लिए सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं। अगर कोई रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक उस रेस्टोरेंट के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में ई-दाखिल शिकायत कर सकता है। नियम के अनुसार सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहक पर निर्भर है, रेस्टोरेंट इसके लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं। सीसीपीए ने सर्विस चार्ज को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार दिया है।
कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री के अनुसार होटल और रेस्टोरेंट में दिए जाने वाले खाने की कीमत में फूड और सर्विस पहले से ही शामिल होते हैं। ग्राहक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पास भी शिकायत कर सकते हैं। जांच के बाद आपकी शिकायत को सीसीपीए के पास भेजा जा सकता है। पिछले कुछ हफ्तों से बार-बार सर्विस चार्ज का जिक्र हो रहा है और उस पर खूब बहस भी हो रही है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने होटल और रेस्टोरेंट्स को सर्विस चार्ज वसूलने से मना कर दिया है।
सर्विस चार्ज पर छिड़ी इस बहस ने लोगों के मन में कई कनफ्यूजन पैदा कर दिए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि सर्विस चार्ज गैर-कानूनी है, वहीं रेस्टोरेंट एसोसिएशन का कहना है कि यह गैर-कानूनी नहीं है। अब इस पर सीसीपीए की गाइडलाइंस आ चुकी हैं।
क्या होता है सर्विस चार्ज?
यह वह चार्ज होता है, जिसे तमाम होटल और रेस्टोरेंट सर्विस दिए जाने के लिए वसूलते हैं। यह 5 फीसदी से 15 फीसदी तक हो सकता है। बता दें कि यह चार्ज 5 फीसदी जीएसटी (होटल के अंदर वाले रेस्टोरेंट में 18 फीसदी जीएसटी) के अलावा लगता है। जहां एक ओर जीएसटी चुकाना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर सर्विस चार्ज वैकल्पिक है। यही वजह है कि अधिकतर रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज वसूले जाने की बात इसकी दर के साथ मेन्यू में या फिर कई बार रेस्टोरेंट के मेन गेट पर ही लिखी रहती है।
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