बीएनपी न्यूज डेस्क। Sadhna Gupta यूपी के पूर्व सीएम और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। साधना को फेफड़ों में इंफेक्शन की शिकायत थी। इंफेक्शन की शिकायत के बाद तकरीबन 4 दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां शनिवार 9 जुलाई को उन्होंने अंतिम सांस ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार साधना गुप्ता का अंतिम संस्कार इटावा में होगा। हालांकि अभी तक इसकी को आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
साधना की पहली शादी साल 1986 में हुई
मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता मूल रूप से यूपी के इटावा के बिधुना तहसील की रहनेवाली हैं। साल 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी। शादी के बाद साधना ने बेटे प्रतीक को जन्म दिया था। प्रतीक यादव के जन्म के करीब दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए। दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई थीं। दरअसल साधना भी सपा की कार्यकर्ती थीं। दूसरी ओर अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में बताया गया है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं।
साल 2003 में साधना को मिला पत्नी का दर्जा
Sadhna Gupta अखिलेश की बायोग्राफी बदलाव की लहर के अनुसार एक बार इलाज के दौरान एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। तभी वहां पर मौजूद साधना गुप्ता ने नर्स को रोक दिया। साधना की वजह से ही मुलायम की मां की जिंदगी बच गई। इस बात का पता जब मुलायम सिंह यादव को पता चला तो वह काफी प्रभावित हुए और यही से दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई थी। उस दौरान अखिलेश स्कूल में स्टूडेंट थे। जब साल 2003 में अखिलेश की मां और मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ तो सार्वजनिक तौर पर मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। इस वजह से सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज भी हुए थे।
सालों तक मुलायम और साधना की छुपी रही लव स्टोरी
साल 1982 से लेकर 1988 तक मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के बीच क्या चल रहा है इसके बारे में अमर सिंह इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जो जानते थे। वह अच्छे से जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है लेकिन उन्होंने किसी से कुछ भी नहीं कहा। अमर सिंह यह कहते भी तो कैसे क्योंकि मुलायम के घर पर उनकी पत्नी मालती देवी और बेटा अखिलेश भी था। लेकिन साल 1988 आया और एक साथ कई चीजें बदल गई। इस समय मुलायम मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे और साधना भी अपने पति से अलग रहने लगी थी। उस समय उनकी गोद में एक बच्चा भी था। इतना ही नहीं इन सब के बीच मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिलवा भी दिया था।
हलफनामा दायर होने के बाद खुले कई राज
मुलायम सिंह की जिंदगी में कई सालों तक यह सब कुछ चल रहा था लेकिन इसके बारे में अभी भी ज्यादा लोगों को नहीं पता था। लेकिन इसी बीच मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर हुआ। इसमें सवाल किया गया कि आखिर 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि मुलायम की जांच की जाए। जब 2007 तक पुराने पन्ने खंगाले गए तो सामने आया कि मुलायम की एक और बीवी है और उससे एक बच्चा भी है। यह सब 1994 से है। 1994 में ही प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह यादव का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था। मां के नाम के जगह साधना गुप्ता और पिता के नाम के जगह एमएस यादव लिखा था।
करोड़ों की प्रॉपर्टी साधना गुप्ता के नाम
Sadhna Gupta साल 2019 में मुलायम सिंह यादव ने जो चुनाव आयोग को हलफनामा दिया था उसमें बताया था कि साधना गुप्ता के नाम करीब 5 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति है। साधना के पास लखनऊ में दो घर हैं और इनकी कीमत मुलायम सिंह यादव ने करीब 1.93 करोड़ रुपये घोषित की थी। इतना ही नहीं मुलायम सिंह के हलफनामे के अनुसार उनकी दूसरी पत्नी साधना ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में करीब 20 लाख रुपये की कमाई की थी। मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता की कमाई का जरिया अपने हलफनामे में प्रॉपर्टी से मिलने वाला किराया बताया था। इसके साथ ही उन्हें बैंकों में जमा धन पर भी ब्याज मिलता है।
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