BNP NEWS DESK। Rheumatology conclave वाराणसी में आज एक पांच सितारा होटल में गठिया रोग पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी रूमेटोलाजी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए आर्थराइटिस विशेषज्ञ (रूमेटोलाजिस्ट) ने भाग लिया सौ से अधिक रूमेटोलानिस्ट और अस्थि रोगके विशेषज्ञों ने घुटने के दर्द और गठिया रोग के प्रभावी निदान पर चर्चा की|
Rheumatology conclave इसमें चीफ गेस्ट AIIMS दिल्ली के भूतपर्व विभागाध्यक्ष ‘फादर ऑफ इंडियन रूमेटोलाजी’ प्रो ए एन मालवीय ने बताया कि गठिया की जल्दी पहचान से होने से जोड़ों में विकार बचाए जा सकते हैं |
ये जवान लोगो में होने वाली बीमारी
साथ साथ यह भी बताया कि मूलतः गठिया को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है- एक प्रकार में ये जवान लोगो में होने वाली बीमारी है जिसमें जोड़ों में 6 हफ्ते से ज्यादा सूजन, जोड़ों जोड़ों का दर्द, सुबह उठ कर अकड़ना आदि लक्षण होते हैं इस प्रकार के रोगों को रूमेटोलाजिस्ट को रेफर करना चाहिए।
ताकि समस्या बढ़ने से रोका जा सके दूसरे प्रकार का गठिया बढ़ती उम्र के साथ होता है जिसमें घुटने में दर्द, कमर दर्द होता है काम करने के बाद- ऐसे लोगो में फिजियो थेरेपी की मदद लेनी चाहिए लोगो के घुटने खराब होने का मुख्य कारण आम भारतीयों की खराब जीवन शैली है लोग पूजा करने नमाज पढ़ने खाना खाने और शौच आदि हर काम में घुटनों को मोड़ते है जिससे घुटने खराब होजाते है।
नए दवाओं से गठिया का इलाज अब इकोनॉमिकल और सेफ हो गया
कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा ईशान ने बताया कि नए दवाओं से गठिया का इलाज अब इकोनॉमिकल और सेफ हो गया है | युवाओं में बढ़ते हुए धूम्रपान और मोटापे से गठिया रोग बढ़ रहा है |
रूमेटोलाजिस्ट की संख्या काफी कम होने कि वजह से भी रोगियों को समय पे उपचार में देरी होती है | प्रदेश में एसजीपीजीआई के अलावा कहीं भी रूमेटोलाजी विभाग नहीं है| पूर्वांचल में डा ईशान मिश्र है इकलौते रूमेटोलाजिस्ट है जो फुल टाइम सेवा दे रहें हैं|
केरला से डा विनोद रवींद्रन ने प्रेग्नेंसी में गठिया के इलाज के दौरान क्या सावधानी बरतनी है उसके बारे में जानकारी दी |
सर गंगाराम हॉस्पिटल की पीडियाट्रिक गठिया रोग विशषज्ञ डा सुजाता साहनी ने बच्चों में गठिया के उपचार में बताया दिल्ली से डा संजीव कपूर ने बताया युवाओ में बढ़ते कमर दर्द गठिया भी हो सकती है| ज्
वाइंट रिप्लसमेंट सर्जन डा माहेश्वरी ने नई तकनकें साझा की और बताया कि गठिया के शुरआती लक्षण आने पे पहले रुमेटोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए|
गेस्ट ऑफ ऑनर पद्मश्री प्रोफ के के त्रिपाठी थे| संगोष्ठी में शहर के सीनियर फिजिशियंस एवम ऑर्थोपेडिक सर्जन – डा अजय पांडे, डा एस जे सिंह, डॉ. आई एस गंभीर, डा गौतम चक्रवर्ती, डा उन्मेश चक्रवर्ती , डा एस के सर्राफ, डा कौशल अग्रवाल, डा अमित रस्तोगी, डॉ जया चक्रवर्ती आदि उपस्थित थे|
कार्यक्रम का संचालन डा मनस्वी चौबे ने किया| धन्यवाद डा दीपक गौतम ने दिया ऑर्गनाइजइंग समिति में डा हर्षित जैन एवम डा रंजन भटनागर भी थे|
The Review
Rheumatology conclave
वाराणसी में आज एक पांच सितारा होटल में गठिया रोग पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी रूमेटोलाजी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए आर्थराइटिस विशेषज्ञ (रूमेटोलाजिस्ट) ने भाग लिया
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