बीएनपी न्यूज डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गोरखपुर में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए एम्स, खाद कारखाने और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में गोरखपुर में निर्मित हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड के खाद कारखाने का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने एम्स और बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का लोकार्पण किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मौजूद थे।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि 600 एकड़ क्षेत्र में बनाए गए खाद कारखाने का निर्माण 8603 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। विगत 31 वर्षों से बंद पड़े इस कारखाने के प्रारंभ होने से सालाना 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन होगा और इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा। खाद कारखाना में 31 वर्ष फिर से यूरिया का उत्पादन होने लगेगा। इस कारखाने को शुरू कराने के लिए सांसद के रूप में लगातार संघर्ष करने वाले योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्यमंत्री पीएम मोदी के साथ इसके प्लांट के शुभारंभ के दौरान भी थे। 8606 करोड़ रुपये की लागत वाले हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के इस कारखाने में प्रति वर्ष 12.7 लाख टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। गोरखपुर में फर्टिलाइजर के नाम से मशहूर खाद कारखाना 20 अप्रैल, 1968 को शुरू हुआ था। अमोनिया रिसाव होने और यहां पर मशीनें न बदले जाने के कारण यह कारखाना 10 जून, 1990 को बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे शुरू कराने के लिए 18 साल तक संघर्ष किया और लगभग हर सत्र में इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया। उनके प्रयासों को आकार मिला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जुलाई, 2016 को खाद कारखाने का शिलान्यास किया। इसके बाद 2018 में निर्माण शुरू होने के बाद अब खाद कारखाना बनकर तैयार हो गया। यहां पर नीम कोटेड यूरिया से फसल उत्पादन में होने वाली बढ़ोतरी किसानों को समृद्ध करेगी। लगभग 20 हजार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर हासिल होंगे। इस खाद कारखाने से उत्तर प्रदेश के साथ पड़ोसी राज्यों को भी उवर्रक की आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर में 112 एकड़ क्षेत्र में 1011 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित एम्स की आधारशिला वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने ही रखी थी। यह एम्स उत्तर प्रदेश तथा बिहार के साथ-साथ नेपाल को भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
Discussion about this post