BNP news desk । internship पढ़ाई पूरी करने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए ज्यादा नहीं भटकना होगा, बल्कि उन्हें देश की शीर्ष पांच सौ कंपनियों में तुरंत ही इंटर्नशिप का एक बड़ा मौका मिलेगा। जहां रोजगार से जुड़ा 12 महीनों का प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें हर महीने पांच हजार रुपये का इंटर्नशिप भत्ता भी दिया जाएगा।
internship इसके साथ ही इंटर्नशिप के दौरान सभी युवाओं को छह हजार रुपये की एकमुश्त मदद अलग से दी जाएगी। इस स्कीम के तहत अगले पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। यानी हर साल करीब 20 लाख छात्र इंटर्नशिप स्कीम से लाभांवित होंगे।
हर साल लगभग डेढ़ करोड़ बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर बाहर निकलते हैं
लेकिन यह स्कीम पूरी स्थिति बदल देगी ऐसा भी नहीं। दरअसल हर साल लगभग डेढ़ करोड़ बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर बाहर निकलते हैं। ऐसे में 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप से एक गैप बरकरार रहेगा।
बजट में मंगलवार को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत युवाओं को लुभाने के लिए एक बड़ी इंटर्नशिप स्कीम की घोषणा की गई। इसके तहत इंटर्नशिप व प्रशिक्षण लागत पर होने पर कुल खर्च का 10 प्रतिशत हिस्सा कंपनियां अपने सीएसआर फंड से खर्च कर सकती हैं। इंटर्नशिप पर सरकार ने यह जोर तब दिया है!
जब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत विश्वविद्यालयों में शुरू किए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। अभी स्नातक की पढ़ाई के बाद भी छात्र जब विश्वविद्यालयों या फिर उच्च शिक्षण संस्थानों से बाहर निकलते हैं तो उनके पास कोई रोजगारपरक स्किल नहीं होता है। इस स्कीम के पीछे मुख्य लक्ष्य इसी समस्या से पार पाना है।
इसकी स्कीम की राह में एक और बड़ी चुनौती जो देखने को मिल सकती है, वह कंपनियों की रुचि भी होगी। सरकार ने भले ही छात्रों को पांच सौ शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप कराने का एलान कर दिया है लेकिन कंपनियां इसके लिए कितना रुचि दिखाती हैं? साथ ही इन शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने के लिए हमारे छात्र किस स्तर तक तैयार होते हैं।
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पढ़ाई पूरी करने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए ज्यादा नहीं भटकना होगा, बल्कि उन्हें देश की शीर्ष पांच सौ कंपनियों में तुरंत ही इंटर्नशिप का एक बड़ा मौका मिलेगा।
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