BNP NEWS DESK। Morbi bridge collapse गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे में मौत का सिलसिला अभी जारी है। अब तक 134 से अधिक मौत की पुष्टि हो चुकी है. आशंका है कि अभी भी काफी लाशें निकल सकती हैं। तीन दिन पहले ही खुले इस पुल पर सरकार ने बच्चों के लिए 12 रुपये तो बड़े लोगों के लिए 17 रुपये का टिकट लगाया था और यही टिकट मौत की वजह बन गई।
ऐसे में मौत के शिकार हुए ये तमाम लोगों ने पुल पर चढ़ने से पहले ही अपनी मौत का टिकट कटा लिया था।पुलिस ने अजंता ओरेवा कंपनी के 9 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। मच्छू नदी पर बने इस पुल पर हुए हादसे के वक्त छह सौ से अधिक लोग बकायदे टिकट लेकर छठ पूजन के लिए आए थे।
CCTV footage of the #MorbiBridge incident. pic.twitter.com/emp76mU2Pu
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) October 31, 2022
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गुजरात के मोरबी में केबल पुल हादसे से जुड़ी ताजा खबर यह है कि मामले में पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस ने अजंता ओरेवा कंपनी के 9 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। यही कंपनी पुल का रख-रखाव कर रही थी। हादसा सामने आने के बाद पुलिस ने आपराधिक केस दर्ज कर लिया था और अब आरोपियों की धरपकड़ भी शुरू हो गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मोरबी जाएंगे और घटनास्थाल का दौरा करेंगे।
Morbi bridge collapse इस बीच, मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं हादसे के फोटो और वीडियो भी सामने आए हैं। (नीचे देखिए) पीड़ित भी सामने आने लगे हैं। हादसे में कई परिवार पूरी तरह तबाह हो गए हैं। किसी शख्स ने अपनी पत्नी और बच्चों को खो दिया है तो कहीं परिवार में सिर्फ महिला रह गई है। मोरबी जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। कुछ लोगों की हालत गंभीर है। वहीं अधिकांश को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। हादसे में राजकोट से भाजपा सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदरिया के परिवार के 12 सदस्यों की भी मौत हो गई। मोहनभाई कल्याणजी कुंदरिया ने बताया, मैंने दुर्घटना में अपने परिवार के 12 सदस्यों को खो दिया है, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। मैंने परिवार के सदस्यों को खो दिया जो मेरी बहन के परिवार से थे।
Morbi bridge collapse : तबाह हो गया मोना मोवार का परिवार
हादसे में कई परिवार पूरी तरह खत्म हो गए। इनमें मोना मोवार का परिवार भी रहा। मोना मोवार अपने पति, बेटे और बेटी के साथ यहां आई थीं। बेटी की मौत हो चुकी है जबकि पति और बेटा अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है। इस तरह अरिश्फा शाहमदार ने अपने पांच साल के बेटे और पत्नी को खो दिया है।
ऐसे कई परिवार हैं जिनके परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है। लोग सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं और अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा करने के लिए भी यहां पहुंचे थे। यहां टिकट सिस्टम है। एक बार में 100 लोगों को भी टिकट देकर पुल पर भेजा जाता है, जो पुल की क्षमता है, लेकिन कल भीड़ अधिक थी। इस कारण पुल पर 400 से अधिक लोग चल गए। इसको लेकर जांच हो रही है।
झूलने वाले पुल ने झुलाया मौत का झूला
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अंग्रेजों के जमाने में बना पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद बंद हो गया था, लेकिन हाल ही में इसे मरम्मत के बाद दोबारा से शुरू किया गया था. चूंकि रविवार का अवकाश भी था, और छठ पूजा भी. इसलिए बड़ी संख्या में लोग पूजा और पर्यटन के लिहाज से यहां पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि इन्हीं में से कुछ शरारती तत्व इस पुल को हिला रहे थे. इसकी शिकायत भी पुल प्रबंधन से की गई. बावजूद इसके पुल प्रबंधन ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. आखिर में बीच से धंसते धंसते पूरा पुल कोलैप्स हो गया.
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Morbi bridge collapse
तीन दिन पहले ही खुले इस पुल पर सरकार ने बच्चों के लिए 12 रुपये तो बड़े लोगों के लिए 17 रुपये का टिकट लगाया था और यही टिकट मौत की वजह बन गई।
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