BNP NEWS DESK। Ajay Rai कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर काशी की परंपरा से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ की तरह प्रधानमंत्री ने अपना शृंगार और महिमामंडन कराया। यह सनातन परंपरा के खिलाफ है और इसे हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
Ajay Rai वह अपने लहुराबीर स्थित आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री ने अपना शृंगार कराया वैसा शंकराचार्य, राजनेता और महाराजा बनारस ने भी नहीं कराया। प्रधानमंत्री के लिए सप्तऋषि आरती का समय बदला गया। आरती पहले ही समाप्त कर दी गई।
प्रधानमंत्री काशी की परंपरा को तहस-नहस कर रहे
आरोप लगाया कि यहां से सांसद बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री काशी की परंपरा को तहस-नहस कर रहे हैं। गंगा की धारा को परिवर्तित कर दिया गया। टेंट सिटी बसाकर उसका मलजल गंगा में बहाया गया। ऐसा कार्य अहंकार में डूबा व्यक्ति ही कर सकता है।
काशी की मूल पहचान यहां की प्राचीनता और आध्यात्मिकता से
काशी एक पौराणिक और आध्यात्मिक नगरी है । काशी का इतिहास हजारों हजार वर्षों का है । लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले 2014 से जब से नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री काशी को अपना संसदीय क्षेत्र बनाया है तब से लगातार काशी की पौराणिकता को तहस नहस किया जा रहा है । कभी कॉरिडोर के नाम पर, तो कभी आधुनिकता के नाम पर । काशी की मूल पहचान यहां की प्राचीनता और आध्यात्मिकता से है।
कॉरिडोर के नाम पर जिस तरह से मोदी जी ने काशी की पौराणिता और आध्यात्मिकता को नष्ट किया वह हम सबके लिए पीड़ाजनक है । सैकड़ों प्राचीन प्राण प्रतिष्ठित विग्रहों और मंदिरों को तोड़ना, बाबा विश्वनाथ के दरबार के साथ छेड़ छाड़, मां गंगा की पवित्रता और निर्मलता के साथ छेड़ छाड़ और हद तो तब हो गई जब पीछले नौ मार्च को अपने वाराणसी आगमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी का अभिषेक करने के बजाय खुद का ही अभिषेक करवाया । यह सनातन धर्म की मान्यताओं, परंपराओं के विरुद्ध खुला द्रोह है ।
काशी से ही पंडित कमलापति त्रिपाठी जी, डॉ संपूर्णानंद जी, स्व लाल बहादुर शास्त्री जी जैसी महान धर्मनिष्ठ हस्तियां भी हुआ करती थीं, पर ऐसे विधर्मी और अहंकारी रूप कभी नहीं दिखा । स्वयं हमारे पंडित कमलापति त्रिपाठीजी खुद प्रतिदिन मां गंगा का स्नान करते थे और प्रतिदिन आदि शक्ति मां जगदम्बा का पाठ करते थे। उनके पूर्वज खुद बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी की पुजारी हुआ करते थे ।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में पिछले 9 मार्च को बाबा विश्वनाथ जी की जगह जो खुद का अभिषेक कराया वह न सिर्फ सनातन धर्म का, बाबा भोलेनाथ का, बल्कि काशी की हजारों हजार साल से चली आ रही समृद्ध सनातन परंपरा का खुला अपमान किया है । यह समूचे सनातन धर्म के मतावलंबियों के लिए दुःख और पीड़ा की बात है ।
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Ajay Rai
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर काशी की परंपरा से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया।
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