बीएनपी न्यूज डेस्क। Smriti Irani प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दो दिवसीय दौरे पर आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मंगलवार को गोबर के ढेर को फावड़े से साफ किया। स्मृति ईरानी को गोबर हटाते देख भाजपा नेता भी जी-जान से जुट गए। नतीजतन, करीब 30 मिनट में एक ट्रॉली गोबर का ढेर साफ हो गया। सभी ने स्मृति ईरानी की खासी प्रशंसा की।
स्मृति ईरानी मंगलवार को भीम नगर सुअर बड़वा में स्वच्छता अभियान के लिए गई थीं। उसी दौरान इलाके की एक बुजुर्ग महिला ने स्मृति ईरानी से कहा कि उनके घर के सामने वाले मैदान में उनकी बेटी की शादी होने वाली है। कुछ गाय पालने वालों ने उस मैदान में गोबर का ढेर इकट्ठा कर दिया है। अगर गोबर का वह ढेर हट जाता तो बहुत ही अच्छा रहता।
बुजुर्ग महिला की बात सुनकर स्मृति ईरानी ने कहा कि शुभ काम में देरी कैसी…? हम सब मिलकर अभी गोबर के ढेर को हटा देते हैं। इसके बाद स्मृति ईरानी फावड़ा और बेलचा लेकर गोबर का ढेर हटाने के लिए आगे बढ़ीं। गोबर के ढेर पर सबसे पहले उन्होंने ही फावड़ा चलाया। फिर क्या था, देखते ही देखते साथ मौजूद भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी आगे आ गए। महीनों से इकट्ठा गोबर का ढेर चंद मिनटों में ही साफ हो गया।
अभियान के दौरान जब केंद्रीय मंत्री बस्ती के अंदर भ्रमण करते हुए चिंता देवी के मकान के समीप पहुंची तो चिंता देवी ने हाथ जोड़कर उनसे गुहार लगाई कि आगामी 15 जून को बिटिया की शादी है और घर के सामने मैदान में गोबर वह गंदगी का ढेर लगा हुआ है। आप कृपया इसे हटवा देती तो बड़ी कृपा होती जिस पर केंद्रीय मंत्री ने स्वयं हाथों में फावड़ा लिया और गोबर हटाना प्रारंभ कर दिया। कभी हाथों में फावड़ा तो कभी बेलचा लिए जब मंत्री गोबर हटाने लगी तो भाजपा पदाधिकारियों ने कदम से कदम मिलाते हुए सफाई प्रारंभ कर दी। बाद में वहां से गोबर हटवा रहे नगर निगम के सुपरवाइजर ने बताया कि यह गोबर शिवपुर कूड़ाघर में फेंका जाएगा।
चिंता देवी ने बताया कि उन्होंने मंत्री महोदय से सफाई के साथ-साथ डाकखाने में जमा अपने रुपए न निकल पाने का भी दर्द बयां किया। उन्होंने उन्होंने बताया कि मेरे पांच बिटिया है। जिनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है मेरे पति स्वर्गीय हरीश चंद्र प्रसाद द्वारा डाकखाने में सात लाख 26 हजार जमा किए गए थे जो कि पूर्व में डाकखाने में हुए घोटाले के कारण अभी तक हम लोगों को हमारे रुपए नहीं मिल पाए हैं। जिससे बेटी की शादी की चिंता भी है, इन्हीं रुपयों के चलते मेरे पति की एक वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है, उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पोस्ट ऑफिस में जमा किए गए पैसे भी निकलवाने का आग्रह किया। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने उन्हें अपने साथ चलने के लिए कहा। जिस पर क्षेत्रीय नेताओं द्वारा बताया गया कि अभी पोस्ट ऑफिस बंद होगा जिस पर मंत्री ने क्षेत्रीय पार्षद को निर्देश दिया कि पोस्ट ऑफिस खुलते ही महिला को वहां ले जाकर संपर्क कराया जाए और इनके रुपए निकलवाए जाएं।
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