BNP NEWS DESK। Mahindra Kabira Festival 2023 गंगा किनारे एक मनोरम प्रोग्राम से हुई महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल के सातवें संस्करण की शुरुआत| 15वीं सदी के रहस्यवादी कवि, कबीर की वाणी से प्रेरित यह फेस्टिवल, दिसम्बर की कड़क ठण्ड में गर्म-मसाला चाय की तरह है, और आप बखूबी वाकिफ होंगे कि चाय को कोई न नहीं कहता, खासकर सर्दियों में| गंगा में प्रवाहित होते सैंकड़ों दीयों की झिलमिलाहट और सुमधुर संगीत में वहां मौजूद प्रत्येक श्रोता मानो खुद को ही खो बैठा|
Mahindra Kabira Festival 2023 इस अवसर पर महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के वाईस प्रेसीडेंट और कल्चरल आउटरीच-हेड, जय शाह ने कहा, “भारत की सांस्कृतिक चादर समृद्ध विरासत से बुनी गई है, जिसमें असंख्य कला रूप, बोलियाँ और भाषाएँ शामिल हैं। संत कबीर का गहन योगदान इस विरासत का एक अभिन्न अंग है, और उनकी शिक्षाएँ हमारे समकालीन समाज में शक्तिशाली रूप से गूंजती हैं। महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल का उद्देश्य उनकी स्थायी विरासत का जश्न मनाना और समाज को प्रेरित करना है। वाराणसी ने हमेशा तहेदिल से इस फेस्टिवल की मेजबानी की है, और हमारा विश्वास है कि इस वर्ष का समृद्ध कार्यक्रम श्रोताओं को एक यादगार अनुभव प्रदान करेगा|”
टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल कबीर के दर्शन पर आधारित है। टीमवर्क आर्ट्स में, हम कबीर की शिक्षाओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं और हमें उम्मीद है कि ये शिक्षाएं आने वाले समय में भी जीवंत और प्रासंगिक रहेंगी, तथा समाज को बेहतर बनाने में योगदान देंगी।”
इस मनोरम शाम की शुरुआत गुलेरिया घाट पर परम्परागत गंगा आरती से हुई| फिर सनबीम स्कूल की रिद्धिमा गुप्ता ने अपनी सुमधुर प्रस्तुति से इस दो-दिवसीय महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल का शानदार आगाज़ किया| इस शाम के सुरूर को और आगे बढ़ाया सिंगापुर में रहने वाली हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका स्वेता किल्पाडी ने| किल्पाडी ने बेहद दक्षता से कबीर के दोहों को प्राचीन और नवीन धुनों के साथ प्रस्तुत किया| कबीर पर अपने विचार रखते हुए, किल्पाडी ने कहा, “मेरा मानना है कि भक्ति के मूर्त रूप कबीर ने, अपने काव्य के जरिये दुनियाभर के लोगों को प्रभावित किया है| कबीर का जीवन सही मायने में मनुष्य होने के मायने बयां करता है, और उनके पद आज 650 साल बाद भी प्रासांगिक हैं|” उन्होंने आगे कहा, “कबीर का जीवन भक्ति, संतुलन, साम्प्रदायिक सोहार्द्र और प्रेम का प्रतीक है| ये संदेश वे तब दे रहे थे, जब देश की रूह विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण से घायल थी| कबीर ने धर्म की रूढ़िवादिता का हमेशा विरोध किया|”
Mahindra Kabira Festival 2023 कल जब सूरज उगेगा, तो गुलेरिया घाट पर फेस्टिवल की शुरुआत होगी| प्रात: संगीत सत्र में संदीप सिंह ताउस वादन करेंगे और भुवनेश कोमकली दिल को छू लेने वाली स्वरांजलि कुमार गंधर्व को समर्पित करेंगे| दोपहर के सत्रों में रोचक चर्चाएँ होंगी, और फिर क्युरेटेड वॉक| शाम के सत्र में पद्म श्री अनवर खान मांगनियार और अश्विनी देशपांडे अपने सुरों से समां बाधेंगे|
सनबीम स्कूल की रिद्धिमा गुप्तासिंगापुर से हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका स्वेता किल्पाडी द्वारा प्रस्तुति
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The Review
Mahindra Kabira Festival 2023
Mahindra Kabira Festival 2023 गंगा किनारे एक मनोरम प्रोग्राम से हुई महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल के सातवें संस्करण की शुरुआत|
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