बीएनपी न्यूज डेस्क। Kashi Vishwanath श्रावन मास में शिवजी की स्थापना लंदन में करने की तैयारी वाराणसी में चल रही हैं। लंदन में काशी विश्वनाथ का मंदिर स्थापित किया गया है लेकिन बाबा की स्थापना के लिए वाराणसी में प्राण प्रतिष्ठा रविवार को की गई।
नर्मदेश्वर महादेव की सिगरा में नाट्यकोटी समुदाय की ओर से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा किया गया। अनुष्ठान और जलाभिषेक के बाद श्रावण के सोमवार को पूजन और अर्चन की परंपराओं का निर्वहन करने के बाद मंगलवार को वाराणसी से 25 किलो के शिवलिंग को लंदन में स्थापित करने के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
अर्चकों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नर्मदा नदी से प्राप्त 25 किलो के नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना लंदन में काशी विश्वनाथ के तौर पर की जानी है। ऐसे में रविवार को शुभ मुहूर्त में बाबा विश्वनाथ के प्रतीक के तौर पर काशी में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। अब प्राण प्रतिष्ठा के बाद बाबा को दो दिनों में लंदन की काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन माह के दौरान ही स्थापित करने की तैयारी है। अब काशी में सभी प्रमुख परंपराओं को पूरा करने के बाद 25 किलो के शिवलिंग को लंदन रवाना करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
काशी विश्वनाथ का 1008 कलश जल से अभिषेक
श्रीकाशी नाटकोट्टई नगर क्षतरम् मैनेजिंग सोसायटी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय महारुद्र यज्ञ के अंतिम दिन श्रीसूक्त मंत्रों से विश्व कल्याणार्थ लाक्षार्चन की पूर्णाहुति की गई। इस मौके पर अनुष्ठान स्थल सिगरा स्थित शिक्रा अन्ना मलईयार नंदवनम् परिसर से कलश यात्रा निकाली गई। इसमें गंगा, गोदावरी, यमुना, नर्मदा समेत प्रमुख नदियों के यज्ञ से अभिमंत्रित जल से भरे कलश लिए श्रद्धालु जब सड़कों पर निकले तो मानो शिवलोक सा दृश्य उत्पन्न हो गया।
दक्षिणा भारतीय वाद्य यंत्रों के बीच यात्रा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची और बाबा का अभिषेक किया गया।
पिल्लयार पट्टी (तमिलनाडु) स्थित परपग विनायक मंदिर के मुख्य पुजारी शिवाचार्य शिवश्री डा. पिच्चई कूड़कर के आचार्यत्व में दक्षिण भारत से आए 108 वैदिकों ने अनुष्ठान कराया। शोभायात्रा में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी शामिल हुए।
बाबा का जलाभिषेक के बाद उनके शयन के लिए रजत शैय्या समर्पित की गई। श्रीकाशी नाटकोट्टई नगर क्षतरम् मैनेजिंग सोसाइटी के सदस्य एएन सुब्बैह द्वारा प्रदत्त शैय्या में 20 किलोग्राम चांदी लगी है। इसे बाबा की पुरानी शैय्या के स्थान पर रखा जाएगा। इसके अलावा सोसायटी की ओर से बाबा को भोग के लिए ले जाने के लिए चार किलोग्राम चांदी के बर्तनों का भी पूजन किया गया।
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