BNP NEWS DESK। Shri Krishna Janmashtami इस बार की जन्माष्टमी विशिष्ट होगी। तीन वर्ष बाद इस बार फिर द्वापर युग जैसा संयाेग बनेगा। सर्वपापहारी जयंती याेग में भगवान श्रीकृष्ण जन्म लेंगे। इस बार जन्माष्टमी का यह व्रत भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायी होने जा रहा है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी सोमवार को अर्धरात्रि में रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि का संयोग मिलेगा।
Shri Krishna Janmashtami भगवान श्रीकृष्ण का जन्म तिथि, नक्षत्र व राशि की इसी युति में हुआ था। शास्त्राें में इस तरह के बनने वाले संयोग को जयंती योग कहा गया है, जिसे सर्वपापहारी माना गया है। अर्थात् अर्धरात्रिव्यापिनी भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी में रोहिणी नक्षत्र का संयोग अनंत पुण्य, फलदायी होता है। इस दिन व्रत रहकर भगवान के अवतार की प्रतीक्षा करने वाले श्रद्धालुओं के सभी पापों का शमन भगवान स्वयं करते हैं।
इस बार अष्टमी तिथि 26 अगस्त की सुबह 8:20 बजे लगेगी जो 27 अगस्त की सुबह 6:34 बजे तक रहेगी। 26 अगस्त सोमवार की रात में ही नौ बजकर 10 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा जो 27 अगस्त की रात 8:23 बजे तक रहेगा। यह सुुखद व पुण्यदायी संयोग है कि इस बार अष्टमी निशीथव्यापिनी है यानी रात्रि में प्राप्त हो रही है और उससे भी पुण्यदायी यह कि अर्धरात्रि में अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि भी लगी रहेगी। Shri Krishna Janmashtami
यही अद्भूुत पल था जब द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था। उन्होंने बताया कि जब निशीथव्यापिनी अष्टमी में अर्धरात्रि को रोहिणी नक्षत्र की युति होती है तो इसे जयंती योग माना जाता है। शास्त्रों में इसे अत्यंत फलदायी कहा गया है – ‘अष्टमी रोहिणीयुक्ता निशिअर्द्ध्रे यदि दृश्यते। जयंती नाम सा प्रोक्ता सर्वपापहरा तिथि।। Shri Krishna Janmashtami
उदयव्यापिनी रोहिणी मतावलंबी 27 को मनाएंगे जन्माष्टमी पर्व
दयव्यापिनी रोहिणी मतावलंबी वैष्णवजन के लिए अष्टमी तिथि अगले दिन मंगलवार 27 अगस्त को रहेगी। उन्होंने बताया कि गृहस्थजन या स्मार्त लोग व्रत रहकर भगवान के आगमन या अवतार की प्रतीक्षा करते हैं तथा उनके जन्मकाल के बाद ही विधिपूर्वक पूजन-अर्चन करके पारण करते हैं जबकि उदयव्यापिनी रोहिणी मतावलंबी वैष्णवजन भगवान का जन्मोत्सव मनाते हैं। इसलिए वे एक दिन बाद पर्व मनाते हैं।
इस दिन भगवान की झांकी सजाकर भक्तजन व्रत रहते विधिपूर्वक जन्म काल की प्रतीक्षा करते हैं। काशी के लगभग सभी मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम रहती है।
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Shri Krishna Janmashtami
इस बार की जन्माष्टमी विशिष्ट होगी। तीन वर्ष बाद इस बार फिर द्वापर युग जैसा संयाेग बनेगा। सर्वपापहारी जयंती याेग में भगवान श्रीकृष्ण जन्म लेंगे।
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