BNP NEWS DESK। Janata Raja इस उपलक्ष्य में देश भर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रकल्प सेवा भारती की ओर से शिवाजी पर आधारित महानाट्य जाणता राजा (बुद्धिमान राजा) का देश भर में मंचन किया जा रहा है।
Janata Raja इसी क्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर मैदान में 21 से 26 नवंबर तक इस महानाट्य का मंचन होना है। इसके लिए दो लाख वर्ग फीट का चार मंजिला मंच तैयार किया जा रहा है।
देश-विदेश में 1300 से अधिक मंचन
जाणता राजा महानाट्य आयोजन समिति के सचिव राहुल सिंह ने बताया कि छत्रपति शिवाजी के जीवन पर आधारित महानाट्य जाणता राजा विश्व का सबसे बड़ा मोबाइल ड्रामा है।
इस नाट्य का भारत, अमेरिका, इंग्लैंड समेत दुनिया भर के देशों में 1300 से अधिक बार मंचन हो चुका है।
मंच पर हाथी-घोड़ा-पालकी
नाट्य के लिए किले के समान करीब 60 फीट ऊंचा मंच बनाया जा रहा है। इसमें राजदरबार, महल, सैनिक, सीढ़ियां आदि होंगी। मंचन में सामने से गुजरने वाले हाथी-घोड़े-ऊंट, बैलगाड़ियां और पालकी का प्रत्यक्ष प्रयोग होगा।
ये सभी महानाट्य को जीवंत करेंगे। गाजीपुर के हीरन सिंह घोड़ा-हाथी की व्यवस्था कर रहे हैं। मंचन से पूर्व शिवाजी की कुलदेवी तुलजा भवानी की भव्य आरती आकर्षण का केंद्र होगी।
300 कलाकार करेंगे मंचन
महानाट्य में छत्रपति शिवाजी के जन्म से लेकर सिंहासन पर बैठने तक की कहानी अपने आप में निराली है। करीब 300 कलाकारों और 100 तकनीशियनों की मदद से मंचित नाट्य दुनिया के किसी ब्राडवे शो पर भारी है।
मंच के सामने लोगों के बैठने के लिए सोफे-कुर्सियां होंगी। एक साथ करीब 12,000 लोग नाट्य मंचन का आनंद ले सकेंगे। मंचन प्रतिदिन शाम 4.30 बजे से शुरू होगा।
प्राप्त धन से बनेगी धर्मशाला
राहुल सिंह ने बताया कि नाटक में टिकट से जितने पैसे मिलेंगे उससे कैंसर हास्पिटल के पास धर्मशाला बनवाई जाएगी। छह दिन के नाट्य में एक लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
अभी से लोगों में काफी आकर्षण है। भीड़ को देखते हुए पूर्वांचल के जिलों को अगल-अलग दिन निर्धारित किया गया है। वाराणसी के लोगों के लिए प्रतिदिन 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।
अलग-अलग दिन जिलेवार आएंगे दर्शक
21 नवंबर-सोनभद्र व चंदौली जनपद
22 नवंबर-मीरजापुर व भदोही
23 नवंबर-प्रयागराज
24 नवंबर-प्रतापगढ़ और कौशांबी
24- गाजीपुर व जौनपुर
25-सुल्तानपुर व अमेठी
26- जौनपुर व गाजीपुर।
The Review
Janata Raja
छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज की स्थापना के 350 वर्ष पूरे हो गए हैं।
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