BNP NEWS DESK। women reservation bill कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए बिना शर्त समर्थन की घोषणा करके इसके सर्वसम्मति से पारित होने की राह आसान बना दी। तमाम राजनीतिक किंतु-परंतु के सवालों को दरकिनार कर सोनिया ने कहा कि भारत की महिलाएं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का लंबे समय से इंतजार कर रही हैं।
जातीय जनगणना कराने और एससी-एसटी एवं ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग
women reservation bill इसलिए विधेयक को न केवल तत्काल पारित किया जाए, बल्कि तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने तुरंत जातीय जनगणना कराने और एससी-एसटी एवं ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग की। महिला आरक्षण लागू करने में देरी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट बताना चाहिए कि यह वास्तविक रूप में कब से लागू होगा।
‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पर चर्चा
नए संसद भवन की लोकसभा में आए पहले ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सोनिया ने कहा कि महिला आरक्षण लागू करने में किसी भी तरह की देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी। कांग्रेस विधेयक का समर्थन करती है और इसके पारित होने की खुशी है, मगर चिंता यह है कि पिछले 13 वर्षों से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं।
अब उन्हें कुछ वर्ष और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। क्या महिलाओं के साथ यह बर्ताव उचित है? उन्होंने कहा कि इस विधेयक को फौरन अमल में लाया जाए और जातीय जनगणना कराकर एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार इसे साकार करने के रास्ते की सारी रुकावटों को दूर करे, ऐसा करना न सिर्फ जरूरी है बल्कि संभव भी है।
भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज
महिला आरक्षण विधेयक को राजनीतिक वाद-विवाद से दूर रखते हुए सोनिया ने चर्चा के दौरान देश की महिलाओं की संघर्ष गाथा की झलक भी सदन में दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा धुंए से भरी हुई रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाते स्टेडियम तक भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है, लेकिन आखिरकार उसने मंजिल को छू लिया है।
उसने जन्म दिया, परिवार चलाया, पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाई और असीम धीरज के साथ अक्सर खुद को हारते हुए, लेकिन आखिरी बाजी में जीतते हुए देखा। भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है। उसने खुद के साथ हुई बेईमानी की शिकायत नहीं की और सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा।
उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है। मुश्किल वक्त में हिमालय की तरफ अडिग रही। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना नामुमकिन है। वह आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती। हमारे महान देश की मां है स्त्री, लेकिन स्त्री ने हमें सिर्फ जन्म ही नहीं दिया है, अपने आंसुओं, खून-पसीने से सींचकर हमें अपने बारे में सोचने लायक बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया है।
सोनिया ने आजादी की लड़ाई और नए भारत के निर्माण समेत हर मोर्चे पर स्त्री के पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने का उदाहरण देते हुए कहा कि वह उम्मीदों, आकांक्षाओं, तकलीफों और घर-गृहस्थी के बोझ के नीचे नहीं दबी। इस संदर्भ में उन्होंने कई महान महिला नेताओं के योगदान का उल्लेख किया।
महिला आरक्षण विधेयक को अपनी जिंदगी का बहुत मार्मिक क्षण बताते हुए सोनिया ने कहा कि उनके जीवन साथी राजीव गांधी स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी के लिए संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए थे।
जो सात वोटों से राज्यसभा में गिर गया था। नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने बाद में इसे पारित कराया। जिसके कारण स्थानीय निकायों के जरिये हमारे पास 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं। सोनिया ने कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है और महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के साथ ही यह सपना पूरा हो जाएगा।
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women reservation bill कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए बिना शर्त समर्थन की घोषणा करके इसके सर्वसम्मति से पारित होने की राह आसान बना दी।
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