BNP NEWS DESK। Khaleda Zia बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया लंदन में चार महीने रहकर अपना इलाज कराने के बाद अब बांग्लादेश वापस लौट आई हैं। खालिदा जिया को लाने वाला रायल एयर एंबुलेंस का विमान मंगलवार की सुबह ढाका एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।
खालिदा जिया के साथ उनकी दोनों बेटियां भी बांग्लादेश आई हैं। खालिदा जिया की वतन वापसी को लेकर एक तरफ जहां उनकी पार्टी के समर्थक जोश में हैं, वहीं बांग्लादेश की राजनीति में भी इसे लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
Khaleda Zia खालिदा जिया विगत आठ जनवरी को इलाज कराने के लिए ब्रिटेन गई थीं। उन्हें ‘द लंदन क्लीनिक’ में भर्ती कराया गया था। क्लीनिक से डिस्चार्ज होने के बाद बीएनपी की अध्यक्ष अपने बड़े बेटे तारिक रहमान के निवास पर रहीं और वहां अपना इलाज कराती रही थीं।
तीन बार प्रधानमंत्री रह चुकीं 79 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से लिवर सिरोसिस, किडनी की बीमारी, हृदय रोग, डायबटीज और आर्थरायटिस से पीडि़त हैं। बीएनपी के महासचिव जनरल मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने खालिदा को सुबह 8.30 बजे ढाका में एयरपोर्ट पर रिसीव किया।
खालिदा जिया की वापसी से बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली और उसे सशक्त करने में मदद मिलेगी
उन्होंने कहा कि खालिदा जिया की वापसी से बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली और उसे सशक्त करने में मदद मिलेगी। बता दें कि खालिदा जिया को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। खालिदा जिया का रुख भारत विरोधी है। ऐसे में खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश में मौजूदा हालात को अपने पक्ष में मान रही है।
इस बात की भी चर्चा है कि खालिदा की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी मोहम्मद युनूस की अतंरिम सरकार पर देश में चुनाव कराने के लिए लगातार दबाव बना सकती है। उधर, मोहम्मद युनूस इस साल दिसंबर से पहले चुनाव कराने के पक्षधर नहीं है और संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि यूनुस चुनाव को आगे भी टाल सकते हैं।
हिंदू नेता चिन्मय चार और मामले में गिरफ्तार होंगे
बांग्लादेश की अदालत ने जेल में पहले से ही कैद हिंदू नेता और इस्कान मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को चार और मामलों में गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
इससे एक दिन पहले ही अदालत ने उनके खिलाफ हत्या के एक मामले को लेकर फैसला सुनाया था। वचुर्अल सुनवाई के दौरान चट्टोग्राम मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एसएम अलाउद्दीन महमूद ने यह आदेश दिया। उनकी जमानत याचिका भी रद की जा चुकी है।
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