BNP NEWS DESK। Shri Ramcharit Manas श्रीआदि विश्वेश्वर की मुक्ति के लिए औरंगजेब काल से भगवान श्रीकाशी विश्वनाथ को सपरिवार श्रीरामचरित मानस पाठ सुनाने की परंपरा के क्रम में वार्षिक श्रीरामचरित मानस नवाह्न पाठ का नौ दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को मंदिर चौक में आरंभ हुआ।
Shri Ramcharit Manas अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, महामंडलेश्वर आशुतोष आनंद गिरि महाराज, महंत जगदीश दास महाराज, उड़ीसा से पहुंचे स्वामी निर्मलानंद महाराज व आचार्य सूर्यलाल शास्त्री के नेतृत्व में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी व नंदी महाराज का वेद मंत्रों के बीच पूजन-अर्चन कर अनुष्ठान का आरंभ किया। इसके बाद संतजनों ने ज्ञानवापी तलगृह में विराजमान देव-विग्रहों का झांकी दर्शन किया। इस दौरान हर-हर महादेव व जय श्रीराम के उद्घोष गूंजते रहे।
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि औरंगजेब द्वारा आदि विश्वेश्वर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद काशी के पंडितों ने ज्ञानवापी व श्रीआदि विश्वेश्वर की मुक्ति के लिए भगवान विश्वनाथ को श्रीराम कथा सुनाने का निश्चय किया था तब से इस नौ दिवसीय कथा का आयोजन प्रतिवर्ष होता आ रहा है। यह कथा प्रतिवर्ष माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी से आरंभ होकर पूर्णिमा तक चलती है। हालांकि उन दिनों के लिखित प्रमाण तो अभी नहीं मिलते, लेकिन जब से सरकारों ने रिकार्ड रखना शुरू किया गया तब से यह 66वां यह वर्ष है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि काशी पुराधिपति भगवान विश्वनाथ सपरिवार श्रीरामकथा सुनते हैं। अतिथियों का स्वागत श्रीकाशी सत्संग मंडल के अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोष आनंद गिरि जी महाराज को समिति के पदाधिकारियों द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ मानस ज्ञान रत्न से सम्मानित किया गया। विश्व शांति हेतु अनवरत महायज्ञ का भी उद्घाटन किया गया।
कथा प्रसंगों के अनुरूप सजेंगी नयनाभिराम झांकियां
कथा संयोजक प्रतीक गुप्ता ने बताया कि रात्रिकाल में मानस सुविज्ञ विद्वान श्रीरामकथा का रसपान विशिष्ट कराएंगे। अनंत दीपदान के साथ ज्ञानप्रद प्रसंगों के श्रवण के साथ ही नयनाभिराम झांकियां भी सजाई जाएंगी। माघी पूर्णिमा 24 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ ही भंडारा का भी भव्य आयोजन होगा।
मुख्य रूप से स्वामी राघवानंद महाराज, महंत जगदीश दास, महाराज स्वामी निर्मलानंद, जितेंद्र, एलएन कपूर, राधेश्याम लोहिया, रविशंकर शास्त्री, राधेश्याम सर्राफ, गोपीनाथ सर्राफ, बनवारी लाल शर्मा, देवेंद्र कुमार पाठक, चंद्रशेखर सिंह, सुनील शर्मा, लल्लन प्रसाद प्रजापति, नवीन पाठक, सर्वज्ञ मिश्र, अमन कुमार सिंह, रवि मिश्र आदि थे।
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श्रीआदि विश्वेश्वर की मुक्ति के लिए औरंगजेब काल से भगवान श्रीकाशी विश्वनाथ को सपरिवार श्रीरामचरित मानस पाठ सुनाने की परंपरा के क्रम में वार्षिक श्रीरामचरित मानस नवाह्न पाठ का नौ दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को मंदिर चौक में आरंभ हुआ।
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