BNP NEWS DESK। Kashi Durga Utsav Committee काशी दुर्गोत्सव समिति अपने हीरक जयन्ति समारोह के अवसर पर सम्पूर्ण काशी वासियों को हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करती है। यो तो गणितीय दृष्टि से यह हीरक जयन्ति समारोह 2020-2021 में मनाया जाना था किन्तु कोविड महामारी के चलते विगत दो वर्ष तक हम पूजा के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के समारोह का आयोजन नहीं कर पाये थे।
Kashi Durga Utsav Committee काशी दुर्गोत्सव समिति अपने हीरक जयन्ति समारोह के अवसर पर सम्पूर्ण काशी वासियों को हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करती है। यह समिति कुछ उत्साहित एवं वरिष्ठ नागरिकों के नेतृत्व में विगत वर्ष 1960 में अपनी यात्रा शुरू की थी और श्रीश्री दुर्गा पूजा ही नही बल्कि शारोदोत्सव के अवसर पर बंगीय संस्कृति एवं लोकधारा को जीवित रखने का निरंतर प्रयास भी किया।
इस समिति द्वारा आयोजित पूजन के सात्विकता से अभिभूत
मूल बंगाल से लगभग 700 किमी दूर रहकर भी यहाँ के प्रवासी बंगभाषी न केवल इस समिति द्वारा आयोजित पूजन के सात्विकता से अभिभूत होते है बल्कि समिति द्वारा लोक संस्कृति की धारा जात्रानुष्ठान का आयोजन कर यहाँ के निवासियों का भरपूर मनोरंजन करने के साथ-साथ वाराणसी के सांस्कृतिक धारा के विकास हेतु अभिन्न योगदान दिया है।
समिति के संस्थापक सदस्यों में जहाँ स्वर्गीय प्रो . एससी दासगुप्ता, स्व . रवि चक्रवर्ती, स्व निर्मल कान्ति चक्रवर्ती स्व . डाॅ . बलाई चाँद मुखर्जी, स्व . हिरेन्द्र नाथ चक्रवर्ती, स्व . दुर्गा प्रसाद बनर्जी, स्व . डाॅ . आरसी . बनर्जी, स्व . डाॅ . गोपालाचार्या टोणपे, स्व . डाॅ . एमएल मुखर्जी, स्व . अमृत लाल चक्रवर्ती, स्व . विभुति भुषण मुखर्जी, स्व . वाणीकण्ठ आईच, स्व . कविराज द्विजपद भट्टाचार्य आदि थे वहीं समिति के वर्तमान अध्यक्ष वाराणसी के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ अभियंता सुरेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी एवं महामंत्री के पद को युवा एवं कर्मठ सदस्य अभिषेक चौधरी सुशोभीत कर रहे है।हीरक जयन्ति समारोह आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री दीपक कान्ति चक्रवर्ती है।
भयंकर कोविड महामारी ने हमारे कर्मठ साथियों विभुति भुषण चौधरी, श्रीमती शेफाली चैधरी, अमल चन्द्र सरकार, ऊषा मुखर्जी, मधुसुदन कर्मकार, श्रीमती अनिमा दत्ता आदि को हमसे छीन लिया किन्तु समिति के हृदय में वे सदा अमर रहेंगे। हम भले ही अपना हीरक जयन्ति वर्ष यथा समय मना नही पाये है किन्तु विभूति भुषण चैधरी एवं उनकी पत्नी शेफाली चैधरी में अपार उत्साह रही है कि हम धूमधाम से हीरक जयन्ति वर्ष मनायें। अतः उनकी ही विशिष्ट प्रेरणा से आज हम इस समारोह को मना रहे है।
प्रस्तावित चार दिवसीय हीरक जयन्ति समारोह में काशी राज तहशील स्थित पूजा प्रंगण में श्रीश्री माँ दुर्गा का तन्त्र विद्या से निष्ठ विद्वान महामहोपाध्याय स्व . पं . मनुदेव भट्टाचार्य के सुयोग्य शिष्य श्री इन्द्रनील मुखर्जी (टिकुं बाबु) के पौरोहित्य में संकल्पित है। प्रतिदिन सप्तमी से नवमी तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अतीत के स्मृति तर्पण में आयोेजित होगा।
मूर्ति के साथ मूर्ति निर्माण के चार कलाकार भी वाराणसी आ रहे हैं
इस वर्ष हीरक जयन्ति समारोह वर्ष में हम जनमानस के लिए कई कार्यक्रम कर रहे है। सर्वप्रथम सम्भवतः उप्र में पहली बार कुमारटुली, कोलकाता के प्रसिद्ध मूर्तिकार सोमनाथ रूद्र पाल जो महान कलाकार निताई पाल के नाती है, द्वारा कुमारटुली, कोलकाता में निर्मित मूर्ति को ट्रान्सपोर्ट से सड़क के रास्ते यहाँ लायेंगे एवं मूर्ति के साथ मूर्ति निर्माण के चार कलाकार भी वाराणसी आ रहे हैं। इसी प्रकार विश्व प्रसिद्ध चन्दननगर, लाइटिंग के लोग हमारे पाण्डाल में गेट से लेकर पूजा मण्डप तक लाइटिंग करेंगे एवं पूजा मण्डप में उनके द्वारा अयोध्या में बन रहे श्री राम मन्दिर की अवधारणा बनाया जायेगा जो दिन में एक पेन्टिग नज़र आयेगा किन्तु शाम ढलते ही रात्रि को लाइटिंग से श्री राम मन्दिर नज़र आयेगा।
पण्डाल का निर्माण स्थानीय कानुबाबु डेकोरेटर्स द्वारा किया जायेगा। नारी शक्ति प्रतिक के रूप में इस वर्ष हमारे परम्परागत ढाकी दल के अतिरिक्त एक महिला ढाकी दल रहेंगी जिनके साथ क्लेरीयोनेट तथा काँसा सहित ढाकी दल होगा जिनके द्वारा पूजा मण्डप पर विभिन्न पोज़ के माध्यम से ढाक वाद्य होगा। यह दल मछलन्दपुर, कोलकाता से आ रही है।
इस वर्ष विशाल भोग भण्डारा के अतिरिक्त सप्तमी एवं अष्टमी के निशा को चितपुर, कोलकाता के स्वर्णकमल अपेरा तथा तपोवन नाट्य कम्पनी द्वारा दो दिवसीय जात्रा अनुष्ठान का मंचन किया जायेगा जो वर्तमान समाज के घटनावली पर आधारित होगा। नवमी के निशा को इण्डियन आयड्ल, सारेगामा ख्यात प्रसिद्ध कलाकार सप्तक भट्टाचार्य एवं उनके दल द्वारा म्युजिकल नाइट का प्रस्तुति होगा जिसमें एक फिमेल सिंगर, एंकर के अतिरिक्त म्युजिक दल मुम्बई से आ रहे है इनकी प्रस्तुति बंागला व आधुनिक हिन्दी गीतों से भरपूर होगा।
पत्रकार बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए समिति के जनसम्पर्क प्रभारी एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक कान्ति चक्रवर्ती ने कहा कि काशी दुर्गोत्सव समिति वर्तमान सांस्कृतिक मुल्यों के अवमुल्यान के दौर में पुर्नमुल्यांकन की सघन प्रयास में जुटी है। हमारी समिति अगले एक वर्ष तक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिकता एवं राष्ट्रीयता के प्रति लोगों को प्रेरित करेगा।
गुरूदेव रवीन्द्रनाथ के शब्दों में ‘‘जिस वर्तमान का अतित नही होता उसका भविष्य भी नही होता है।’’ इस विश्वास के साथ हम समिति के संस्थापक सदस्य (स्वेच्छा सेवक), वरिष्ठ सदस्यों एवं वर्तमान समय के समस्त सदस्यों को विशिष्ट रूप से स्मृति चिन्ह प्रदान करंेगे। वाराणसी के बंगभाषियों द्वारा विभिन्न दुर्गा पुजा कमिटी के प्रतिनिधियों को भी हम सम्मानित करेंगे।
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Kashi Durga Utsav Committee
Kashi Durga Utsav Committee काशी दुर्गोत्सव समिति अपने हीरक जयन्ति समारोह के अवसर पर सम्पूर्ण काशी वासियों को हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करती है।
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