बीएनपी न्यूज डेस्क। पीएम मोदी ने कहा कि देश दुनिया को गुरु शब्द देने वाली काशी है। “मैं तो बस आपको प्रणाम् करने आया हूं। चुनावी दुनिया में आपका जाना संभव नहीं होता है। आपसे मिलना मेरा सौभाग्य है। आप सब काशी की शक्ति और जनमत की नब्ज को पहचानने वाले लोग है। काशी स्वयं ऊर्जा का भण्डार है।
पीएम मोदी शनिवार को अपने काशी प्रवास के दौरान काशी के प्रबुद्धजनों के बीच पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश और प्रदेश की तरक्की में लगातार काम करने वाली स्थिर सरकार चाहिए। उन्होंने कहा कि भरपूर क्षमता वाला उत्तर प्रदेश को ठीक से पहचान कर बहुत कुछ करने की संभावना है। काशी के अंदर कुछ नयापन चाहिए। काशी के सामर्थ्य को जितनी दुनिया समझती है शायद काशी के लोग नहीं। यूएसए बोस्टन यूनिवर्सिटी में ‘गुरू’ शब्द वहां के विद्वतजन के लिए प्रयोग होता है। यह मेरे लिए वहाँ आश्चर्य की बात थी। वहां एक गली है जहां विद्वतजन का निवास है उस गली का नाम है ‘काशी’ मैं उस गली को देखने से अपने आप को रोक नहीं पाया।
पीएम ने कहा कि मुझे आप काशीवासियों ने अपना बना लिया है। आपसे आत्मिक सम्बन्ध हो गया है। आपके मन की बात और आपकी इच्छा मैं अनुभव करता हूं। काशी में बदलाव जन से आया है धन से नहीं। जो हो रहा है वह यहां की संस्कृति और विरासत के लिए हो रहा है जैसे मैं आपको जानता हूं आप मुझे जानते है। आप लोगों ने जी जान से मेरा साथ दिया। वह भी बिना जान पहचान के काशी ने मुझे अपनाया और इतना कुछ दिया यह मेरे लिए जीवन का सौभाग्य है। उस काशी को मैं क्या दे सकता हूं, इस भाव से मैनें कार्य किया।
पीएम बोले, मुझसे हुई एक गलती
पीएम ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद जब मैं गंगा आरती में धन्यवाद देने आया था। तब मैनें एक गलती की, जो आमतौर पर कोई राजनेता नहीं करता। मैंने कहा था कि मैं काशीवासियों से कुछ मांगने आया हूं। सभी काशीवासी स्वच्छता का कार्य स्वयं करें। काशीवासी स्वच्छता के लिए जो कार्य करते है। इसका संदेश विश्व में जाता है। काशी में परिवर्तन जन मन से है। काशी ने जन-मन-गण सिखाया है। 30 साल तक देश में स्थिर सरकार नहीं बनीं। रेलवे में तो 30 साल कोई निर्णय नहीं हुआ। पूर्ण बहुमत वाली सरकार भारत के लिए अनिवार्य है। कन्टिन्यूटी और स्टेबिलिटी चाहिए। जब स्थिर सरकार होती है तभी जवाबदेही भी तय होती है। बिना पूर्ण बहुमत के सरकार में स्थिरता न होने के कारण अकाउन्टीबिलिटी नहीं हो पाती। आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात में कार्य करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है।
चुनाव की दृष्टि से नहीं कराया विश्वनाथ धाम निर्माण
काशी विश्वनाथ धाम बहुत पहले हो जाना चाहिए था, यह काशी का हक है, यह कार्य हमने अपने चुनाव की दृष्टि से नहीं कराया है। मैने काशी के लिए कोई अलग से खजाना नहीं दिया है यह तो काशी के जन के सहयोग से हुआ है। मैं स्वयं फीडबैक लेने में विश्वास रखता हूं। मैं कल रात काशी लाउंज में गया, सभी व्यवस्थाएं स्वयं देखी। वहां मात्र 5 फीट की जगह में काशी में बने खिलौने एवं हस्तशिल्प के सामान थे। पूछने पर पता चला कि यहां प्रतिदिन 10 हजार रुपये का व्यवसाय होता है। काशी की गरीब जनता की भी रोजी-रोटी रेलवे की छोटी सी जगह में चलती है।
जिदंगी में बदलाव और स्पीड बहुत जरुरी
वंदे भारत ट्रेन को हमने बहुत कम समय में चलाया। वार्ता करने पर मुझे यह पता चला कि वंदे भारत ट्रेन से गरीब लोग भी जाते है। इसमें उन्हें सामान रखने की पर्याप्त जगह मिल जाती है और जल्दी पहुंचकर अपना कार्य करते हैं। कुछ सालों पहले मैं एक ऐसी जगह गया, जहां आदिवासी निवास करते हैं, वहां पर एक आदिवासी कपल अपने गांव जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था, हमने उनसे बात करने की कोशिश की। अमूमन आदिवासी लोग कम बात करते हैं फिर बात करने पर पता चला कि वह वहां से थोड़ी दूर अपने गांव जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे हैं। कई बसें आई-गई पर वह उनपर नहीं बैठे। मैने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि हम लाल पट्टी वाली बस का इंतजार कर रहे हैं। ये सब बसें जो गई वह काली पट्टी वाली थी। लाल पट्टी वाली बसें तेज चलती हैं, जल्दी पहुंचाती हैं। हमने कहा लाल पट्टी वाली बसों का किराया तो महंगा है, उनका जवाब था जल्दी पहुंचना है, इसलिए तेज गति वाली बस से ही जाते हैं। इसका मतलब समझिए जिदंगी में बदलाव और स्पीड बहुत जरुरी है।
यूपी में हिन्दुस्तान की इकोनामी लीड करने की ताकत
यूक्रेन की समस्या से पता चला कि अपने देश से बहुत से बच्चे मेडिकल की शिक्षा हेतु बाहर जाते हैं। हमने इस समस्या पर ध्यान दिया और यह तय किया कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाया जायेगा। सीटें भी पर्याप्त होगी। आजादी के बाद जितने भी डाक्टर अभी तक तैयार हुए हैं, उससे भी ज्यादा संख्या में डाक्टर हम मात्र 12 साल में तैयार कर लेंगे। हिन्दुस्तान की इकोनॉमी को लीड करने की ताकत उत्तर प्रदेश में है। हम देश की जनता को कम न आंकें।
ये रहे मौजूद
पदमृविभूषण पं. छन्नू लाल मिश्र ने संगीत के माध्यम से प्रधानमंत्री का स्वागत किया एवं आशीर्वाद दिया। संचालन धर्मेन्द्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में पं. हरिहरकृपालु त्रिपाठी, प्रो. पीके जैन, प्रो. हरेराम त्रिपाठी, डाॅ. केके त्रिपाठी, श्रीकांत मिश्र, प्रो. गोपबन्धु मिश्र, प्रो. रामनारायण द्विवेदी, डाॅ. आर के ओझा, प्रो. सदाशिव द्विवेदी, प्रो. आलोक राय, प्रो. योगेन्द्र सिंह, प्रो. चन्द्र मौली उपाध्याय सहित अन्य उपस्थित रहे।
मंच व्यवस्था में अशोक तिवारी, डाॅ. सुनील कुमार मिश्र, गणपति यादव का योगदान रहा। रमन निवास परिवार शांति रमन, लक्ष्मी रमन, रमा रमन, पुनीत रमन, अरूणा रमन, मुक्ता रमन, अर्चना रमन, विनोद गुप्ता, उषा गुप्ता, विनोद कुमार पाण्डेय, कौशल अग्रवाल ने पीएम का स्वागत किया।
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