BNP NEWS DESK। politics in uttar pradesh देश की राजनीति पर बड़ा प्रभाव डालने वाला उत्तर प्रदेश इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार हुए 29 सीटों के नुकसान से भाजपा न सिर्फ अचंभित, बल्कि चिंतित भी है। इधर, राज्य सरकार और संगठन के बीच खींचतान की खबरों के बीच बुधवार को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
बहुत जल्द सरकार और संगठन में कुछ बदलाव हो सकते हैं
politics in uttar pradesh ताजा घटनाक्रम को देखते हुए इस भेंट-वार्ता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बहुत जल्द सरकार और संगठन में कुछ बदलाव हो सकते हैं, हालांकि यह बहुत बड़े स्तर पर नहीं होगा।
हाल ही में उत्तर प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक हुई और उसके तुरंत बाद मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य नई दिल्ली पहुंचे। दोनों वरिष्ठ नेताओं ने यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। चर्चा थी कि इन दोनों नेताओं ने प्रदेश में सरकार से गड़बड़ाए समन्वय का तर्क रखते हुए बदलाव को जरूरी बताया।
चर्चा यह भी है हाईकमान की ओर से कहा गया है कि विवाद खड़ा करने वाले बयानों को विराम देकर सरकार और संगठन में समन्वय के साथ काम करें। इसके बाद भूपेंद्र चौधरी बुधवार को प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, चौधरी को पीएम की ओर से मिलने के लिए कहा गया था। बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष ने तमाम सर्वे रिपोर्ट और आकलन के आधार पर पीएम को बताया है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी के निराशाजनक परिणाम के क्या मुख्य कारण रहे।
दस विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर संगठन की तैयारियों का ब्योरा सौंपा। साथ ही अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। संभावना यह भी जताई जा रही है कि पीएम की ओर से यह संदेश भी दिया गया होगा कि संगठन और सरकार के बीच तालमेल बनाकर आगे बढ़ा जाए। सरकार की ओर से संगठन का ध्यान रखा जाएगा लेकिन संगठन को सरकारी की उपलब्धियों को जमीन तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।
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politics in uttar pradesh
देश की राजनीति पर बड़ा प्रभाव डालने वाला उत्तर प्रदेश इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में पिछले चुनाव की तुलना में इस बार हुए 29 सीटों के नुकसान से भाजपा न सिर्फ अचंभित, बल्कि चिंतित भी है।
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