BNP NEWS DESK । CAA नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का काम शुरू हो गया है। बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने नार्थ ब्लाक स्थित अपने कार्यालय में 14 शरणार्थियों को भारत की नागरिकता का सर्टिफिकेट सौंपकर इसकी शुरूआत की।
CAA वैसे देशभर में कुल 300 शरणार्थियों को सीएए के तहत नागरिकता प्रदान की गई। अन्य लोगों को ईमेल पर नागरिकता के सर्टिफिकेट भेजे गए। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि आखिर शरणार्थियों का दशकों का इंतजार खत्म हुआ। उन्होंने इसे मोदी की गारंटी यानी वादा पूरा होने की गारंटी बताया।
शाह ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दशकों तक पीड़ित शरणार्थियों को न्याय और उनका अधिकार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का वादा आजादी के समय तत्कालीन नेताओं ने किया था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने आज पूरा करके दिखाया है। CAA
उन्होंने सभी शरणार्थियों को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार सीएए के माध्यम से हर एक शरणार्थी को भारत की नागरिकता देकर रहेगी। सीएए बंगाल में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसके खिलाफ बयान दे रही हैं। वहीं, अमित शाह ने ममता बनर्जी पर सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
बता दें कि 2019 में सीएए के पारित होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और आंदोलनकारियों ने इसे भेदभावपूर्ण करार दिया था। देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों या पुलिस कार्रवाई के दौरान सौ से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
इसी साल 11 मार्च को सीएए के नियम किए गए थे अधिसूचित
वैसे तो दिसंबर 2019 में संसद में सीएए पास हुआ था, लेकिन विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर इस पर अमल नहीं हो पाया था। लगभग साढ़े चार साल के इंतजार के बाद 11 मार्च को गृह मंत्रालय ने सीएए के नियमों को अधिसूचित कर इसे अमली जामा पहनाने का काम शुरू किया। इसमें 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता देने का प्रविधान है।
नागरिकता के आवेदन के लिए आनलाइन पोर्टल, पूरी प्रक्रिया डिजिटल
सीएए के तहत नागरिकता के लिए सरकार ने Indiancitizenshiponline.nic.in नामक पोर्टल लांच कर आनलाइन आवेदन की सुविधा दी और शरणार्थियों को आवेदन में मदद करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया। नागरिकता देने का काम तीव्र गति से पूरा करने के लिए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया। इन नियमों के तहत सभी जिलों में वरिष्ठ डाक अधीक्षक की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।
जिला स्तरीय समितियां आवेदन के साथ दिए दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आवेदकों को भारत के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाती हैं। इसके बाद राज्य स्तर पर निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता में गठित समिति इन आवेदनों पर विचार करती है और उन्हें भारत की नागरिकता के सर्टिफिकेट जारी करती है। जिन 14 शरणार्थियों को गृह सचिव ने नागरिकता का सर्टिफिकेट दिया, वे दिल्ली के हैं और दिल्ली की राज्य स्तरीय समिति ने उन्हें भारत की नागरिकता के लिए उपयुक्त पाया है।
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CAA नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का काम शुरू हो गया है।
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