BNP NEWS DESK। Cheetahs in Kuno दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचा। यहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) ले जाकर अलग-अलग बाड़ों में छोड़ा जाएगा।
वायुसेना का विमान चीतों को लेकर सुबह करीब दस बजे ग्वालियर हवाई अड्डे पर उतरा। 12 चीतों का यह दूसरा जत्था केएनपी ले जाया जा रहा है इनमें सात नर और पांच मादा चीते शामिल हैं। इससे पहले पिछले साल सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केएनपी में एक समारोह में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों के पहले जत्थे को बाड़ों में छोड़ा था।
ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सांघी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लेकर एक विमान सुबह करीब 10 बजे ग्वालियर हवाई अड्डे पर उतरा।’’
#WATCH मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों की दूसरी खेप को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। pic.twitter.com/tTwRXFPZ6d
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2023
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ग्वालियर में मंजूरी प्रक्रिया के बाद इन चीतों को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से केएनपी भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इन चीतों को ग्वालियर से दोपहर करीब 12 बजे वायुसेना के हेलीकॉप्टर से 165 किलोमीटर दूर केएनपी भेजा जाएगा, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव उन्हें अलग-अलग बाड़ों में छोड़ेंगे।
परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि इन चीतों ने परिवहन विमान से दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग स्थित ओआर टांबो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से हजारों मील दूर भारत में अपने नए घर के लिए यात्रा शुक्रवार शाम को शुरू की थी।
दो जोड़ी चीता भाइयों को रखा जाएगा
Cheetahs in Kuno केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए 10 बाड़े स्थापित किए हैं। इनमें से दो बाड़ों में दो जोड़ी चीता भाइयों को रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने चीतों को यहां रखने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।’’ विशेषज्ञों ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल सितंबर की शुरुआत में केएनपी का दौरा किया था ताकि जमीन पर दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवरों के आवास के लिए वन्यजीव अभयारण्य में व्यवस्था का जायजा लिया जा सके।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक करार हुआ था
इन चीतों के स्थानांतरण के लिए पिछले महीने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक करार हुआ था। दक्षिण अफ्रीका ने भारत को ये चीते दान किए हैं। भारत को प्रत्येक चीता को स्थानांतरित करने से पहले वहां पकड़ने के लिए 3000 अमेरीकी डॉलर का भुगतान करना पड़ता है।
भारत ने पिछले साल अगस्त में इन दक्षिण अफ्रीकी चीतों को विमान से देश लाने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण ऐसा नहीं हो सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से आए आठ चीतों को केएनपी में छोड़ा था। लेकिन उस समय दक्षिण अफ्रीकी सरकार से अनुमोदन के अभाव में इन 12 चीतों केएनपी नहीं लाया जा सका था।
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Cheetahs in Kuno
दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचा।
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