बीएनपी न्यूज डेस्क। भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शुक्रवार को अयोध्या से विशेष ट्रेन के द्वारा वाराणसी के बनारस रेलवे स्टेशन पर आये और यहां से सीधे वे दशाश्वमेध घाट पहुंचे तथा गंगा घाट पर 1992 से हो रही गंगा आरती में शामिल हुए। उपराष्ट्रपति उनकी पत्नी और राज्यपाल ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर गंगा में दुग्धाभिषेक कर मां का आशीर्वाद लिया।
इस दौरान उपराष्ट्रपति एवं उनकी पत्नी एम.उषा नायडु गंगा आरती का दीदार कर भाव विभोर हो रोमांचित एवं आह्लादित हुए। लगभग 55 मिनट की होने वाले इस गंगा आरती को पूरी श्रंद्धा एवं भक्तिभाव के साथ देखा। इस दौरान दशाश्वमेध सहित आसपास के गंगा घाटों पर सुरक्षा की मुकम्मल एवं चाक चौबंद इंतजाम सुनिश्चित कराए गए।
बताते चलें कि दुनिया भर के सबसे खूबसूरत धार्मिक समारोह में से गंगा आरती भी एक माना जाता है। यह आरती सूर्यास्त के बाद होती है। गंगा आरती की शुरुआत शंखनाद से की जाती है। जिसे लेकर मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। पुजारी अपने हाथों में बड़े बड़े दीये लेकर मां गंगा की आरती करते हैं। मां गंगा के जयकारे, ढोल नगाड़े की गूंज और आरती की मधुर ध्वनि अपने आप अपलक निहारने पर मजबूर कर देती है।
महामहिम उपराष्ट्रपति शनिवार को सपरिवार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जायेंगे और देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन अर्चन करेंगे। इसके बाद वो काशी विश्वनाथ धाम का अवलोकन भी करेंगे।
महामहिम उपराष्ट्रपति के काशी के बनारस जंक्शन पर पहुंचने पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल सहित कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर बनारस जंक्शन पर संस्कृति विभाग के कलाकारों ने भी उपराष्ट्रपति का मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से काशी की धरती पर स्वागत किया।
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