Bnp News Desk : UNESCO Heritage List कोलकाता का दुर्गा पूजा इतना मशहूर है कि दिसंबर 2021 में इसे यूनेस्को ने अपने लिस्ट में शामिल कर लिया था। अब खबर सामने आ रही है कि अगले साल 2023 में गुजरात का गरबा नृत्य और 2025 में मुंबई का गणेश उत्सव यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल हो सकता है। आपको बता दें कि उन्होंने आज दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में कोलकाता में होने वाली दुर्गा पूजा को अपने अमूर्त धरोहर की लिस्ट में शामिल करने का सेलिब्रेशन किया। सेलिब्रेशन के लिए यूनेस्को की सांस्कृतिक इकाई के सेक्रेटरी और भारत में यूनेस्को के प्रतिनिधि ने संस्कृती मंत्रालय के साथ मिलकर दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में दुर्गा पूजा की विशेष प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया।
भारत सरकार ने 2021 के लिए ‘कोलकाता की दुर्गा पूजा’ को इंटैंजिबल लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था जिसे दिसम्बर 2021 में यूनेस्को ने अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया है. अगले साल, 2023 में गुजरात का गरबा नृत्य और 2025 में मुंबई का गणेश उत्सव भी यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल हो सकते हैं.
भारत सरकार ने 2021 के लिए ‘कोलकाता की दुर्गा पूजा’ को इंटैंजिबल लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था जिसे दिसम्बर 2021 में यूनेस्को ने अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया है. अगले साल, 2023 में गुजरात का गरबा नृत्य और 2025 में मुंबई का गणेश उत्सव भी यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल हो सकते हैं.
दिल्ली में दुर्गा पूजा की लिस्टिंग का सेलिब्रेशन
UNESCO Heritage List यूनेस्को ने आज दिल्ली के नेशनल म्यूज़ियम में कोलकाता में होने वाली दुर्गा पूजा को अपनी अमूर्त धरोहर की लिस्ट में शामिल करने का सेलिब्रेशन किया. सेलिब्रेशन के लिए UNESCO की सांस्कृतिक इकाई के सेक्रेटरी और भारत में UNESCO के प्रतिनिधि ने संस्कृति मंत्रालय के साथ मिल कर दिल्ली के नेशनल म्यूज़ियम में दुर्गा पूजा की विशेष प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया.
यनेस्को के दिल्ली निदेशक एरिक फाल्ट ने कहा कि भारत के पास यूनेस्को की अमूर्त धरोहर में शामिल कराने के लिए अभी बहुत बड़ा ख़ज़ाना मौजूद है जिसे समय-समय पर इस लिस्ट में शामिल किया जाता रहेगा.
यूनेस्को ने भारत के 38 स्मारकों को विश्व धरोहर का दर्जा दिया
यूनेस्को अब तक भारत के 38 स्मारकों को विश्व धरोहर का दर्जा दे चुका है. लेकिन ये देखा गया कि भारत में कई ऐसे त्योहार और मेले आदि हैं जो अमूर्त धरोहर की कैटेगरी में लिस्ट किए जा सकते हैं. इसके तहत यूनेस्को ने 2008 से भारत की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक संरक्षण देने के लिए अपनी इंटैंजिबल लिस्ट में सूचीबद्ध करना शुरू किया है.
इसके तहत अब तक भारत की 14 अमूर्त धरोहर को यूनेस्को की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है. UNESCO अब तक भारत के कुल 14 त्योहारों, मेलों, क्षेत्रीय नृत्य और परम्पराओं को अपनी अमूर्त धरोहर की लिस्ट में शामिल कर चुका है.
ये धरोहर हैं
1. वैदिक मंत्रोच्चारण की परम्परा
2. रामलीला
3. संस्कृत नाटक परम्परा- कूडियट्टम
4. गढ़वाल का त्योहार – रम्मन
5. केरल की नाट्य नृत्य परम्परा – मेदियेत्तु
6. राजस्थान की कलबेलिया नृत्य संगीत परम्परा
7. छाऊ नृत्य
8. लद्दाख़ का बौद्ध मंत्रोच्चारण
9. मणिपुर का संकीर्तन
10. अमृतसर के जनडियाला गुरु का ताम्बे का काम
11. योग
12. नवरोज़
13. कुम्भ मेला
14. कोलकाता की दुर्गा पूजा
अगले साल गुजरात के गरबा नृत्य को मिल सकती है जगह
अगले साल, 2023 में गुजरात के गरबा नृत्य को यूनेस्को की धरोहर लिस्ट में जगह मिल सकती है. इस बारे में संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव लिली पण्ड्या ने बताया कि अभी नियमों के मुताबिक़ दो साल में एक धरोहर को ही इस लिस्ट में शामिल किया जा सकता है. 2023 के लिए गुजरात के गरबा नृत्य को प्रस्तावित किया गया है. आगे के लिए मुंबई के गणेश उत्सव पर भी विचार किया जा रहा है. अगर सब ठीक रहा तो साल 2025 में मुंबई के गणेश उत्सव को लिस्ट में जगह मिल जाएगी.
The Review
UNESCO Heritage List
UNESCO Heritage List भारत की 14 अमूर्त धरोहर को यूनेस्को की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है. UNESCO अब तक भारत के कुल 14 त्योहारों, मेलों, क्षेत्रीय नृत्य और परम्पराओं को अपनी अमूर्त धरोहर की लिस्ट में शामिल कर चुका है.
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