BNP NEWS DESK। Shahjahan Sheikh बंगाल के संदेशखाली में गत पांच जनवरी को ईडी की टीम पर हुए हमले की घटना के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख को 55 दिनों के बाद बुधवार रात को पुलिस ने मिनाखां इलाके से गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी।
Shahjahan Sheikh तृणमूल नेता पर महिलाओं के यौन शोषण व लोगों की जमीन कब्जा करने का भी आरोप है। इसके खिलाफ पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाहजहां के खिलाफ हत्या का प्रयास, हिंसा, अशांति फैलाने समेत 34 धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
उधर, मंत्री ब्रात्य बसु ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ने शाहजहां को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। उसे सभी पदों से हटा दिया गया। वहीं, दूसरी ओर राशन घोटाले में शाहजहां के करीबी आमिर गाजी को कल रात ओडिशा के राउरकेल्ला से गिरफ्तार किया गया है। Shahjahan Sheikh
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शेख को संदेशखाली से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक घर से गिरफ्तार किया गया, जहां वह अपने कुछ साथियों के साथ छिपा था। वह समय-समय पर अपना स्थान बदल रहा था। उसके मोबाइल फोन के टावर की लोकेशन से पता लगाया गया। गिरफ्तार करने के बाद उसे बशीरहाट अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने उसे 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।
ग्रीन कारिडोर बनाकर लाया गया
इसके बाद उसे ग्रीन कारिडोर बनाकर बशीरहाट अदालत से कोलकाता स्थित सीआइडी मुख्यालय लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जाएगी। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अपराधी को अदालत से पुलिस हिरासत में ग्रीन कारिडोर बनाकर लाया गया है। वहीं रिमांड लेटर में पुलिस ने दावा किया है कि शाहजहां ने ईडी अधिकारियों पर हमले की घटना में अपना गुनाह स्वीकार किया है।
संदेशखाली में जश्न
पुलिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संदेशखाली के 49 स्थानों पर धारा 144 लागू की गई है। कुछ हिस्सों में अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है। वहीं, शाहजहां की गिरफ्तारी की खबर से संदेशखाली में जश्न का माहौल रहा। महिलाओं ने एक-दूसरे का मुंह मीठा किया व गुलाल लगाए। महिलाओं का कहना था कि अब शेख को जेल से छुटना नहीं चाहिए। उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।
पुलिस के हाथों गिरफ्तारी भी एक रणनीति
कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा था कि सीबीआइ, ईडी या बंगाल पुलिस कोई भी शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि शाहजहां पुलिस की सुरक्षित हिरासत में है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को गिरफ्तार कर लिया गया।
विपक्ष का कहना है कि शाहजहां केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्त में न चला जाए उसके पहले ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले की जांच बंगाल सीआइडी को सौंप दी गई है।
मामले के तथ्य हो सकते हैं नष्ट, ईडी पहुंची हाई कोर्ट
शाहजहां के पुलिस हिरासत में रहने से इस मामले के तथ्य नष्ट हो सकते हैं, यह आशंका जताते हुए गुरुवार को ईडी ने हाई कोर्ट का रुख किया। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी। वहीं मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली पीठ ने जमानत याचिका ठुकराते हुए कहा कि शाहजहां के खिलाफ करीब 43 मामले दर्ज हैं।
ईंट भट्ठा मजदूर से ऐसे बना डान : शाहजहां शेख बांग्लादेश से भागकर बंगाल आया था और अपने परिवार के साथ संदेशखाली में ही रहने लगा। शुरूआत में वह यहां एक ईंट भट्टे में मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था। साल 2002 में ईंट-भट्ठा पर काम करने के दौरान ही उसने मजदूरों की एक यूनियन बनाई और उसका नेता बन गया। उसने कुछ समय तक कंडक्टर का भी काम किया और बाद में गाड़ी भी चलाई।
यूनियन बनाने के बाद वह 2004 में माकपा के सक्रिय सदस्य के रूप में जुड़ गया। इसमें उसके मामा मोस्लेम शेख जो उस समय माकपा नेता व पंचायत प्रधान थे, ने मदद की। इसके बाद उसका सियासी सफर शुरू हुआ। बंगाल में साल 2011 में जब टीएमसी की सरकार बनी तो वह उससे जुड़ गया और क्षेत्र का दबंग नेता बन गया। इसी दौरान उसने कई जमीनों पर अवैध कब्जे किए और उस पर झींगा पालन केंद्र खोला। इन सब माध्यमों से उसने करोड़ों रुपये की कमाई की। इन दिनों उसके पास गाड़ियों का काफिला है।
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बंगाल के संदेशखाली में गत पांच जनवरी को ईडी की टीम पर हुए हमले की घटना के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया।
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