Pervez Musharraf पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने 79 साल की उम्र में अतिम सांस ली। बीते कुछ दिनों से दुबई के एक अस्पताल में भर्ती थे। मुशर्रफ अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे।
उनके अधिकतर अंग काम नहीं कर रहे थे। पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल Pervez Musharraf ने पाकिस्तान पर 1999 से 2008 तक शासन किया था। आइए जानते है भारत कनेक्शन से लेकर पाकिस्तानी तानाशाह Pervez Musharraf के बारे में सबकुछ।
विभाजन के दौरान पाकिस्तान जाने का निर्णय किया था
11 अगस्त, 1943 को नई दिल्ली के दरियागंज में जन्में मुशर्रफ का भारत कनेक्शन काफी गहरा रहा। 1947 के विभाजन के दौरान उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने का निर्णय किया था। इससे पहले उनका पूरा परिवार देश की राजधानी दिल्ली में रहता था। उनकी मां ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी।
मां बेगम जरीन को दिल्ली से था काफी लगाव
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ की मां बेगम जरीन मुशर्रफ को भारत से काफी लगाव रहा था। वो अपने गुजारे हुए दिनों को याद करती थी। क्योंकि कोई भी अपने कॉलेज के दिनों को नहीं भूल सकता। साल 2005 में भी जब उनकी मां भारत यात्रा पर आईं थीं तो वह लखनऊ, दिल्ली और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी गईं। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद किया। जरीन 1940 में यहां पढ़ाई करती थीं।
ब्रिटिश हुकूमत में बड़े अफसर थे पिता
मुशर्रफ के जन्म के चार साल बाद ही उनके परिवार पाकिस्तान में बसने का फैसला ले लिया था। मुशर्रफ का परिवार बंटवारे से पहले भारत में काफी संपन्न था। उनके पिता ब्रिटिश हुकूमत में बड़े अफसर थे। उनके परिवार के पास पुरानी दिल्ली में एक बड़ी कोठी थी। अब उनके पुरानी दिल्ली के इस हवेलीनुमा घर में कई परिवार रहते है।
तख्ता पलट कर संभाली पाकिस्तान की बागडोर
भारत के विभाजन के बाद मुशर्रफ का परिवार कराची जाकर बस गया। इसके बाद में वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख बने। साल 1999 में नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर उन्होंने पाकिस्तान की कमान अपने हाथ में ले ली थी। 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे।
2001 में वापस अपने घर में आए थे मुशर्रफ
पुरानी दिल्ली में स्थित मुशर्रफ का अब काफी पुराना और कमजोर हो चुका है। हालांकि उस आलीशान घर को देखकर इस बात का अंदाजा अब भी लगाया जा सकता है कि मुशर्रफ उन दिनों पुरानी दिल्ली के जानेमाने परिवार से ताल्लुक रखते थे। अब उस हवेलीनुमा घर में आठ परिवार रहते हैं। साल 2001 में भारत दौरे के पहले दिन मुशर्रफ पुरानी दिल्ली के उस मकान में गए थे, जहां उनका बचपन गुजरा था।
भारत को दिए कई गहरे जख्म
मुशर्रफ ने भारत को कई गहरे जख्म देकर गए है। वे अप्रैल से जून-1999 तक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए करगिल युद्ध के दौरान सुर्खियों में आए। उस दौरान मुशर्रफ ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। सेनाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने भारत को कई ऐसे जख्म दिये। इनको कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारते हुए रिश्तों को नए आयाम तक पहुंचाया, लेकिन उनकी यह पहल लंबे समय तक कायम नहीं रह पाई। मुशर्रफ ने अटल बिहारी का साथ नहीं दिया और पीछे हट गए।
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Pervez Musharraf
पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने 79 साल की उम्र में अतिम सांस ली।
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