BNP NEWS DESK। Gyanvapi survey ज्ञानवापी में सर्वे कर रही एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने चौथे दिन रविवार को सबसे पहले तहखाने में स्थित व्यास जी के कमरे से मलबा हटाने का काम शुरू कराया और एग्जास्ट लगवाए। कमरे पैमाइश की और दीवारों की थ्रीडी फोटोग्राफी, स्कैनिंग करवाई। इसमें मंदिर के अवशेष मिलने का सिलसिला जारी है। ज्ञानवापी से बाहर निकले अधिवक्ताओं के मुताबिक, आज तहखानों और गुंबदों का सर्वेक्षण हुआ।
Gyanvapi survey दीवारों पर बनी आकृतियों के बारे में नोट्स बनाए। कानपुर आइआइटी के दो जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) विशेषज्ञ भी सर्वे टीम के साथ थे। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में जीपीआर मशीन से सर्वे शुरू हो सकता है।
व्यास परिवार ने दशकों तक ज्ञानवापी के लिए लड़ी है कानूनी लड़ाई
ज्ञानवापी का सच सामने लाने के लिए एएसआइ सर्वे चल रहा है और टीम तहखाने में व्यास जी के कमरे की जांच कर रही है।
ज्ञानवापी परिसर व्यास परिवार का हुआ करता था और 1669 में औरंगजेब द्वारा मंदिर ध्वस्त कर दिए जाने के बाद दशकों तक इस परिवार ने इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है।
व्यास परिवार की बदौलत 1936 में दीन मोहम्मद को पूरे ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने के दावे को कोर्ट ने नकारते हुए ज्ञानवापी परिक्षेत्र को वक्फ बोर्ड की संपत्ति मानने से इन्कार किया था।
ज्ञानवापी की मौजूदा इमारत की थ्री-डी इमेजिंग
सर्वे के दौरान ज्ञानवापी की मौजूदा इमारत की थ्री-डी इमेजिंग के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) की मदद ली गई। इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर के आंतरिक हिस्से की मैपिंग और स्कैनिंग के साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का काम जारी है। अब तक जांच में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। न ही कहीं खोदाई की गई है।
अमेरिकी संग्रहालय में सुरक्षित तस्वीरें बताती हैं ज्ञानवापी का सच
अमेरिका के लास एंजिलिस स्थित ‘गेट्टी म्यूजियम’ के फोटोग्राफ्स विभाग में तस्वीरें प्रदर्शित है, जिसके चित्र परिचय में लिखा है- ‘ज्ञानवापी आर वेल आफ नालेज’ यानी ज्ञानवापी-ज्ञान का कुआं। विवरण में आगे लिखा है- ‘वाराणसी में इसी नाम की मस्जिद के अंदर ज्ञानवापी कुएं का दृश्य।
तीन अलंकृत नक्काशीदार स्तंभ अग्रभूमि में, एक खोदी गई मेहराब के नीचे और एक नक्काशीदार मूर्ति के सामने खड़े हैं। एक दूसरी तस्वीर में अलंकृत मूर्ति दो स्तंभों के बीच दिख रही है और इसके ऊपर स्तंभों में से एक के शीर्ष पर घंटी लटकी हुई है।
इस फोटो में दीवार पर बनी बजरंगबली की मूर्ति, घंटियां, नक्काशीदार खंभे व अन्य हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न एकदम स्पष्ट देखे जा सकते हैं। ये तस्वीरें ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल बार्न ने 1868 में तब खींची थी, जब वह बनारस यात्रा पर आए थे। ये तस्वीरें आज से 155 वर्ष पूर्व ज्ञानवापी की असलियत को दर्शाते हैं।
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Gyanvapi survey
Gyanvapi survey ज्ञानवापी में सर्वे कर रही एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने चौथे दिन रविवार को सबसे पहले तहखाने में स्थित व्यास जी के कमरे से मलबा हटाने का काम शुरू कराया और एग्जास्ट लगवाए।
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