BNP NEWS DESK। 18th Lok Sabha 18वीं लोकसभा के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार बनने की नसीहत दी। कहा कि आम जनता सदन में ठोस काम चाहती है, सिर्फ नखरे और नाटकबाजी नहीं चाहती। साथ ही उन्होंने साफ किया कि नई लोकसभा अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल को संविधान पर काला धब्बा बताया और कहा कि देश में ऐसी कालिख नहीं लगे, इसके लिए कोशिश करेंगे।
18th Lok Sabha प्रधानमंत्री मोदी ने बहुमत के बावजूद सभी की आपसी सहमति से सरकार चलाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने साफ किया कि संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत बताते हुए उन्होंने पिछली लोकसभा में हंगामे को निराशाजनक बताया।
जनता विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा करती है
कहा कि जनता विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा करती है। आम आदमी सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों पर बहस चाहता है, नखरे, हंगामा और नाटकबाजी नहीं चाहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रही कांग्रेस और विपक्ष को आपातकाल का आईना भी दिखाया।
उन्होंने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा बताते हुए कहा कि इसके 50 साल पूरे हो रहे हैं और 25 जून कभी नहीं भूलने वाला दिन है। भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था और देश को जेलखाना बना दिया गया था। आजादी के बाद दूसरी बार लगातार तीसरी बार सरकार बनाने को उन्होंने सरकार की नीयत और नीतियों पर जनता की मुहर बताया। 18th Lok Sabha
18वीं लोकसभा के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजनाथ सिंह, अमित शाह तथा नितिन गडकरी समेत मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने सांसद के रूप में शपथ ली। पीएम मोदी ने हिंदी में शपथ ली। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ सांसद भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई।
सरकार के स्थायित्व का दिया संकेत
18वीं लोकसभा में 18 के मूलांक नौ को पूर्णता की गारंटी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की स्थिरता का संकेत दिया। उन्होंने 18 के अंक को भारत की सांस्कृतिक विरासत के सात्विक मूल्यों से जोड़ते हुए कहा कि कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देने वाली गीता के 18 अध्याय हैं। इसी तरह से पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 है। उन्होंने कहा कि 18 का मूलांक नौ है। नौ पूर्णता की गारंटी देता है। पूर्णता का प्रतीक अंक है। उन्होंने इस लोकसभा को भारत के अमृतकाल के लिए शुभ संकेत बताया।
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18वीं लोकसभा के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार बनने की नसीहत दी।
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