बीएनपी न्यूज डेस्क। Rajendra Kumar हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक ऐसा सितारा हुआ, जिसने अपनी चमक से 4 दशक तक सिनेमा के पर्दे के साथ-साथ लोगों के दिलों पर राज किया था। एक्टर राजेंद्र कुमार, जिन्हें ‘जुबली कुमार’ के नाम से भी जाना जाता है। जिस भी फिल्म में काम करते, हिट हो जाती लेकिन दुख की बात है कि राजेंद्र कुमार को ‘जुबली कुमार’ कहे जाने के बावजूद लाइफ में कभी कोई अवॉर्ड नहीं दिया गया। हालांकि भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से जरूर सम्मानित किया था। राजेंद्र कुमार लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुए थे, पर एक बार भी अवॉर्ड नहीं मिला।
20 जुलाई 1927 को जन्मे राजेंद्र कुमार देश के बंटवारे के बाद परिवार के साथ इंडिया आ गए थे। जब राजेंद्र कुमार बॉम्बे आए तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में किस्मत आजमाने की कोशिश की। राजेंद्र कुमार हीरो नहीं बनना चाहते थे और इसीलि उन्होंने डायरेक्टर एच. एस. रवैल के साथ एक असिस्टेंट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। करीब पांच साल तक राजेंद्र कुमार ने उनके असिस्टेंट के रूप में काम किया। राजेंद्र कुमार की 12 जुलाई को 23वीं डेथ एनिवर्सरी है।
राजेंद्र कुमार को इसलिए कहा जाता था ‘जुबली कुमार’
Rajendra Kumar राजेंद्र कुमार ने 1949 में फिल्म ‘पतंगा’ से एक्टिंग डेब्यू किया, जिसके बाद वो फिल्म ‘जोगन’ में एक छोटे से रोल में नजर आए। इसी फिल्म में राजेंद्र कुमार को देखने के बाद प्रोड्यूसर देवेंद्र गोयल उन्हें 1955 में फिल्म ‘वचन’ में साइन किया। फिल्म ने सिल्वर जुबली मनाई। ये राजेंद्र कुमार की पहली फिल्म थी, जिसने सिल्वर जुबली मनाई। यानी उनकी ये फिल्म उस समय बॉक्स ऑफिस पर लगातार 25 हफ्तों तक चली थी।1959 से 1966 के बीच राजेंद्र कुमार के करियर में ऐसा दौर आया, जब उनकी हर फिल्म हिट हो रही थी। उन्हें ‘मिडास टच’ वाला एक्टर कहा जाने लगा। यानी वो जिस भी फिल्म में काम करते, हिट हो जाती।
इसी वजह से राजेंद्र कुमार को ‘जुबली कुमार’ कहा जाने लगा। राजेंद्र कुमार की लगातार 6 फिल्में सुपरहिट रही थीं और वो बॉक्स ऑफिस पर 25 हफ्तों तक चली थीं। उसी दौरान राजेंद्र कुमार की फिल्म ‘मेरे महबूब’ की चर्चा हो रही थी। मेकर्स इसमें एक्ट्रेस साधना को राजेंद्र कुमार के ऑपोजिट साइन करना चाह रहे थे। लेकिन साधना इस फिल्म को साइन करने से हिचक रही थीं। चूंकि ऋषिकेश मुखर्जी को मालूम था कि फिल्म में राजेंद्र कुमार हैं तो उन्होंने साधना को बेहिचक फिल्म साइन करने की सलाह दी। ऋषिकेश मुखर्जी जानते थे कि राजेंद्र कुमार का किसी फिल्म में होने का मतलब है उसका हिट होना। कम से कम उस वक्त तो ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा था। हुआ भी यही। ‘मेरे महबूब’ हिट रही और इसने साधना और राजेंद्र कुमार की जोड़ी को भी हिट कर दिया। फिल्म ‘मदर इंडिया’ में भी राजेंद्र कुमार को खूब सराहा गया।
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