बीएनपी न्यूज डेस्क। Single Use Plastic एक जुलाई से सरकार देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने जा रही है। देश में कई सारे प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। केंद्र सरकार की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक से तैयार किए जाने वाले उत्पादों पर देशभर में पूरी तरह से रोक लगाने की बात कही गई है। इन उत्पादों को 30 जून के बाद बनाने, बेचने, स्टोर करने, इनमें भरकर सामान बेचने और निर्यात करने पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार ने यह कदम सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे से पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के मकसद से उठाया है।
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
जैसा कि नाम से ही जाहिर हो रहा है ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ प्लास्टिक के वे रूप हैं जिनका हम सिर्फ एक बार इस्तेमाल कर उन्हें फेंक देते हैं। सरकार जिन चीजों को बैन करने जा रही है उनमें लगभग 19 तरह के उत्पाद शामिल हैं जिनमें खाने-पीने की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, शीतल पेय पदार्थों के साथ दिए जाने वाले स्ट्रॉ, गुब्बारों में लगी प्लास्टिक स्टिक, कैंडी के साथ लगी स्टिक, थर्मोकोल से बने कप-प्लेट, प्लास्टिक ग्लास और दूध व शैंपू की पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक, साथ ही दस माइक्रोन से कम के प्लास्टिक के सारे सामान आते हैं।
दूध से लेकर शैंपू तक हर चीज में इस्तेमाल होता है सिंगल यूज प्लास्टिक
Single Use Plastic वर्तमान में देश में पैकेजिंग इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। समय-समय पर देश के कई राज्यों ने इन प्लास्टिक्स के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के प्रावधान किए हैं, पर सच्चाई यही है कि अब भी देश में 90 प्रतिशत से अधिक खाद्य पदार्थ सिंगल यूज प्लास्टिक में ही पैक होकर उपभोक्ताओं के पास पहुंच रहे हैं। दूध, तेल, साबून, शैंपू, चॉकलेट और शीतल पेय से जुड़े उत्पादों में बड़े पैमाने पर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमूल और डाबर जैसी कंपनियों के उत्पाद भी होंगे प्रभावित
सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद होने से अमूल, पार्ले एग्रो, मदर डेयरी, डाबर जैसी नाम-गिरामी कंपनियों के उत्पाद भी प्रभावित होंगे। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की घोषणा के बाद देश के उद्योंगों ने सरकार से इसकी समयसीमा बढ़ाने की भी मांग की है। अमूल जैसी कंपनी ने भी सरकार से पत्र लिखकर इस फैसले को टालने का अनुरोध किया था। हालांकि, सरकार ने अब तक इस फैसले को रोकने की कोई मंशा जाहिर नहीं की है।
पेपर स्ट्रॉ का शुरू हुआ आयात
इस बीच कई कंपनियों ने प्लास्टिक स्ट्रॉ की जगह पेपर स्ट्रॉ का आयात करना शुरू कर दिया है ताकि वे अपने प्रोडक्ट के साथ पेपर स्ट्रॉ ग्राहकों को उपलब्ध करा सकें, हालांकि कंपनियों को यह सिंगल यूज प्लास्टिक की तुलना में काफी महंगा पड़ रहा है। उद्योग जगत जुड़े लोगों का मानना है कि पेपर स्ट्रॉ प्लास्टिक से बने स्ट्रॉ की तुलना में चार गुना तक महंगे होते हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक क्यों है खतरनाक
Single Use Plastic सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए बेहत खतरनाक हैं। इस प्लास्टिक के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसे ना तो डिकंपोज किया जा सकता है और ना ही इन्हें जलाया जा सकता है। इनके कचरे जहरीले रासायन छोड़ते हैं, जो इंसान और जानवर सबके लिए खतरनाक होते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिस कारण वॉटर लेवल भी बुरी तरह प्रभावित होता है। दुनिया के कई इलकों में सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण बड़ी आबादी को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक निगल लेने के कारण बड़े पैमाने पर जानवर और समुद्री मछलियां जान गंवा रही हैं।
इन 19 सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर लगेगा बैन
1. प्लास्टिक की डंडियों वाले ईयर बड, 2. बलून स्टिक, 3. प्लास्टिक के झंडे व लॉलीपॉप की डंडी, 4. आइसक्रीम की डंडी, 5. थर्माकोल के सजावटी सामान, 6. प्लेट्स-कप, 7. गिलास-कांटे, 8. चम्मच, 9. चाकू, 10. स्ट्रॉ, 11. ट्रे, 12. मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पन्नी, 13. निमंत्रण पत्र, 14. सिगरेट पैकेट, 15. 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक, 16. पीवीसी बैनर 17. दूध के पैकेट, 18. शैंपू के पैकेट्स, 19. चिप्स और नमकीन के पैकेट्स
प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की सूची को अपर्याप्त बताया
हालांकि सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर सवाल उठाते हुए ग्रीन थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने कहा है कि एक जुलाई से सरकार जिन सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों को बैन कर रही है वह सूची व्यापक नहीं है क्योंकि इसमें बहु-परत पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली पैकेजिंग शामिल नहीं है। सीएसई ने कहा है कि प्लास्टिक प्रदूषण के मामले में पर्यावरण को बड़ा खतरा इसी तरह के प्लास्टिक से है। ऐसे में सरकार को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों की की सूची को और व्यापक बनाना चाहिए।
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