आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश की आजादी के संग्राम में महान सेनानी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेख के बलिदान को याद किया और सदन ने कुछ पल मौन रखकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, वैसे ही कांग्रेस, द्रमुक तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य ईंधन की कीमतों में वृद्धि एवं महंगाई का मुद्दा उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं जिन पर ईंधन की कीमतों में वृद्धि एवं महंगाई का मुद्दा उठाया गया था। तेलंगाना राष्ट्र समिति, बसपा और सपा के सदस्यों को अपने स्थान से ही इस विषय को उठाते देखा गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने हालांकि शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। इस दौरान सदस्यों ने इस्पात, रेल, कपड़ा और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने इनके जवाब भी दिये।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ‘‘इन्हें (विपक्षी सदस्यों को) जनता ने इनका उचित स्थान दिखा दिया है। प्रश्नकाल में जनता से जुड़े मुद्दे उठाये जाते हैं और इसलिये शांति बनाये रखना चाहिए।’’ इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी न केवल अपनी पार्टी के सदस्यों को बल्कि अन्य विपक्षी दलों के सांसदों को प्रश्नकाल में भाग नहीं लेने तथा पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करने का संकेत देती दिखीं।
प्रश्नकाल में सोनिया गांधी को सामान्य दिनों की तुलना में आज पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ अधिक सक्रिय देखा गया। इस दौरान कांग्रेस के सांसद अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों की तुलना में अधिक जोरदार तरीके से अपना विषय उठाते देखे गये।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी जम्मू कश्मीर में हथकरघा उद्योग को लेकर कपड़ा मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने के लिए उठे तो सोनिया गांधी उन्हें बैठने का इशारा करते हुए दिखीं और मसूदी बैठ गये।
इस पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस एवं उनके मित्र दलों को जम्मू कश्मीर की कोई चिंता नहीं है। गोयल ने कहा, ‘‘ यह जम्मू कश्मीर को लेकर इन (विपक्षी दलों) के रूख को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस और उसके मित्र दलों ने वर्षों तक जम्मू कश्मीर के साथ भेदभाव किया है और वे अब भी ऐसा ही कर रहे हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे (विपक्ष) जम्मू कश्मीर से एक सांसद को प्रश्न पूछने नहीं दे रहे हैं। हालांकि, विपक्षी दलों ने अध्यक्ष के आसन के पास नारेबाजी और शोर-शराबा जारी रखा।इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने एवं अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि आज ‘शहीद दिवस’ है और उनका आग्रह है कि सदस्य अपना दायित्व निभाएं और देशहित में काम करें।
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण समय होता है, अपनी सीट पर जाकर बैठें, सभी को मौका दिया जायेगा। बिरला ने कहा, ‘‘आप देर रात तक बैठकर चर्चा करते हैं। मैं सभी सदस्यों को पर्याप्त मौका देता हूं। मैं बुनियादी सवाल उठाने का मौका दूंगा। लेकिन सदन को सुनियोजित तरीके से स्थगित कराना, यह हमारी संसदीय परंपराओं के अनुसार नहीं है।’’
लोकसभा अध्यक्ष ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कहा कि आप जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं वह सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है।विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 40 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश की आजादी के संग्राम में महान सेनानी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेख के बलिदान को याद किया और सदन ने कुछ पल मौन रखकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, वैसे ही कांग्रेस, द्रमुक तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य ईंधन की कीमतों में वृद्धि एवं महंगाई का मुद्दा उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं जिन पर ईंधन की कीमतों में वृद्धि एवं महंगाई का मुद्दा उठाया गया था। तेलंगाना राष्ट्र समिति, बसपा और सपा के सदस्यों को अपने स्थान से ही इस विषय को उठाते देखा गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने हालांकि शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। इस दौरान सदस्यों ने इस्पात, रेल, कपड़ा और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने इनके जवाब भी दिये।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ‘‘इन्हें (विपक्षी सदस्यों को) जनता ने इनका उचित स्थान दिखा दिया है। प्रश्नकाल में जनता से जुड़े मुद्दे उठाये जाते हैं और इसलिये शांति बनाये रखना चाहिए।’’ इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी न केवल अपनी पार्टी के सदस्यों को बल्कि अन्य विपक्षी दलों के सांसदों को प्रश्नकाल में भाग नहीं लेने तथा पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करने का संकेत देती दिखीं।
प्रश्नकाल में सोनिया गांधी को सामान्य दिनों की तुलना में आज पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ अधिक सक्रिय देखा गया। इस दौरान कांग्रेस के सांसद अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों की तुलना में अधिक जोरदार तरीके से अपना विषय उठाते देखे गये।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी जम्मू कश्मीर में हथकरघा उद्योग को लेकर कपड़ा मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने के लिए उठे तो सोनिया गांधी उन्हें बैठने का इशारा करते हुए दिखीं और मसूदी बैठ गये।
इस पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस एवं उनके मित्र दलों को जम्मू कश्मीर की कोई चिंता नहीं है। गोयल ने कहा, ‘‘ यह जम्मू कश्मीर को लेकर इन (विपक्षी दलों) के रूख को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस और उसके मित्र दलों ने वर्षों तक जम्मू कश्मीर के साथ भेदभाव किया है और वे अब भी ऐसा ही कर रहे हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे (विपक्ष) जम्मू कश्मीर से एक सांसद को प्रश्न पूछने नहीं दे रहे हैं। हालांकि, विपक्षी दलों ने अध्यक्ष के आसन के पास नारेबाजी और शोर-शराबा जारी रखा।इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने एवं अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि आज ‘शहीद दिवस’ है और उनका आग्रह है कि सदस्य अपना दायित्व निभाएं और देशहित में काम करें।
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण समय होता है, अपनी सीट पर जाकर बैठें, सभी को मौका दिया जायेगा। बिरला ने कहा, ‘‘आप देर रात तक बैठकर चर्चा करते हैं। मैं सभी सदस्यों को पर्याप्त मौका देता हूं। मैं बुनियादी सवाल उठाने का मौका दूंगा। लेकिन सदन को सुनियोजित तरीके से स्थगित कराना, यह हमारी संसदीय परंपराओं के अनुसार नहीं है।’’
लोकसभा अध्यक्ष ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कहा कि आप जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं वह सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है।विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 40 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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