BNP NEWS DESK । Arif Muhammad Khan केरल के राज्यपाल डा. आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हर मनुष्य के अंदर दिव्य होने की क्षमता है। इसलिए रंग, रूप, भाषा से क्या लेना देना है। हर किसी में ब्रह्म है। केवल वह अज्ञान की परतों में दबा हुआ है। अगर इसे हटाएं तो भारतीय परंपरा का पता चलेगा। प्राचीन भारत में नवीनतम भी है।
Arif Muhammad Khan यहां पर हजारों सालों से प्रज्ञा का पाठ पढ़ाया जा रहा है। हमें अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करना चाहिए और अज्ञान की परतों को अब हटाना है। डा. आरिफ मोहम्मद खान शुक्रवार को माईर्स एमआइटी विश्वशांति विवि पुणे की ओर से काशी विश्वनाथ धाम के त्रयंबकेश्वर हाल में आयोजित तीन दिवसीय नौवें विश्व सम्मेलन में बोल रहे थे।
नस्ल, भाषा और पंथ से लेना-देना नहीं
ज्ञान-विज्ञान, अध्यात्म और दर्शनाशास्त्र विषयक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि दुनिया में विनय और विद्या से भारत की पहचान है। भारत देश सर्वोंपरी है क्योंकि यहां सभ्यता और संस्कृतियां परिभाषित हुई हैं। यहां किसी भी नस्ल, भाषा और पंथ से लेना-देना नहीं है। बावजूद हमें एकता के शक्ति की जरूरत है।
विश्वशांति विद्यारत्न पुरस्कार से नवाजे गए माईर्स एमआइटी विश्वशांति विवि के संस्थापक डा. विश्वनाथ दा. कराड
इस मौके पर डा. काशी विद्वत परिषद की ओर से माईर्स एमआइटी विश्वशांति विवि पुणे संस्थापक डा. विश्वनाथ दा. कराड को विश्व शांति विद्यारत्न पुरस्कार से नवाजा गया।
काशी विश्वनाथ धाम से सारी दुनिया में शांति लाने का काम हो रहा
पद्मभूषण आचार्य वशिष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि काशी शब्द का अर्थ विद्वता होता है। यहां पर आनेवाले सभी का भाग्य खुलता है। जिस मनुष्य की जैसी भावना होती है उसका वहीं धर्म होता है। शास्त्रों द्वारा जो चिह्नितत किया गया है वास्तविक वहीं धर्म होता है।
प्रो. डा. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम से सारी दुनिया में शांति लाने का काम हो रहा है। सभी धर्म ग्रंथ ही जीवन ग्रंथ होते हैं। धर्म के नाम पर जो आतंक फैला है उसे रोकना जरूरी है। भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो सारी दुनिया को सुख, संतोष और शांति की राह दिखायेगा।
हर राष्ट्र का एक चरित्र होता है
श्रीकाशी विद्वत परिषद के सचिव डा. शुक्रदेव त्रिपाठी ने कहा कि हर राष्ट्र का एक चरित्र होता है। वैसे देखा जाए तो भारत का चरित्र अध्यात्म है। अगर यहां से अध्यात्म हटा दिया जाता है तो इस देश में कुछ भी नहीं बचता है। श्री काशी विद्वत परिषद से डा. योगेंद्र मिश्रा और एमआइटी विश्वशांति विवि के कुलपति डा. मिलिंद पांडे ने अपने विचार रखे।
प्रो. डा. गौतम बापट ने संचालन और माईर्स एमआइटी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट की सचिव स्वाती कराड चाट ने आभार जताया।
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Arif Muhammad Khan
Arif Muhammad Khan केरल के राज्यपाल डा. आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हर मनुष्य के अंदर दिव्य होने की क्षमता है। इसलिए रंग, रूप, भाषा से क्या लेना देना है।
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