बीएनपी न्यूज डेस्क। Rakesh Jhunjhunwala भारत के वॉरेन बफे कहलाने वाले मशहूर इन्वेस्टर और बिजनेसमैन Rakesh Jhunjhunwala ने एक इंटरव्यू में क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश पर पूछे जाने पर कहा था कि इक्विटी और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बिल्कुल अलग है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश स ट्टेबाजी की तरह है। उन्होंने कहा था एक दिन क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से धड़ाम हो जाएगी। उनकी यह बात सही साबित होती दिख रही है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों को पिछले एक साल से नुकसान उठाना पड़ रहा है। मार्केट-कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में पिछले एक साल में लगभग 50 फीसद से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
भारत के वॉरेन बफे कहलाने वाले मशहूर इन्वेस्टर और बिजनेसमैन Rakesh Jhunjhunwala (62) का 14 अगस्त की सुबह निधन हो गया। उन्होंने सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे कामयाब निवेशकों में शुमार राकेश झुनझुनवाला ने कुछ दिनों पहले ही ‘अकासा’ एयरलाइन के साथ एविएशन सेक्टर में भी इन्वेस्टमेंट किया था। आज 46 हजार करोड़ से ज्यादा का एम्पायर खड़ा करने वाले राकेश झुनझुनवाला 37 साल पहले शेयर मार्केट की दुनिया में आए थे।
ऐसे लगा था शेयर मार्केट का चस्का :
राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता आयकर विभाग में अफसर होने के साथ ही शेयर मार्केट को अच्छे से समझते और उसमें इन्वेस्ट करते थे। पिता को देख राकेश झुनझुनवाला को भी शेयर बाजार में पैसा लगाने का चस्का लगा। हालांकि, जब राकेश ने पिता से शेयर मार्केट के लिए पैसे मांगे तो उनके पिता ने साफ मना कर दिया। झुनझुनवाला के पिता ने बेटे को जवाब देते हुए कहा- पहले खुद पैसे कमाओ उसके बाद शेयर बाजार में उतरना।
ऐसे रखा शेयर बाजार में पहला कदम :
राकेश झुनझुनवाला शेयर बाजार में पहली बार 1985 में आए। इस दौरान उन्होंने उन्होंने 5 हजार रुपए का इन्वेस्ट कर टाटा चाय के शेयर 43 रुपए पर खरीदे। इसके बाद इस शेयर में तेजी आन पर उन्होंने 3 महीने बाद इसे 143 रुपए की कीमत पर बेच दिया। इस तरह उन्होंने अपने पहले निवेश से ही करीब तीन गुना मुनाफा कमाया। इसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
ऐसे बने शेयर मार्केट के बियर से बुल :
शेयर मार्केट में बियर यानी मंदड़िए और बुल का मतलब तेजड़िए से है।
राकेश झुनझुनवाला शुरुआती दौर में शेयर मार्केट के मंदड़िए थे। हालांकि, 1992 में हर्षद मेहता घोटाला हुआ, जिसके बाद उन्होंने शॉर्ट सेलिंग करके खूब पैसा कमाया। इस तरह 90 के दशक में ही राकेश झुनझुनवाला एक कामयाब इन्वेस्टर बन चुके थे।
टाटा की इस कंपनी ने बनाया करोड़पति :
2003 में राकेश झुनझुनवाला ने टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन (Titan) में इन्वेस्टमेंट किया। उन्होंने इस कंपनी के 6 करोड़ शेयर 3 रुपए पर लिए। आज की तारीख में इसके एक शेयर की कीमत 2472 रुपए है। उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में निवेश किया। इनमें सेल, टाटा मोटर्स, टाटा कम्युनिकेशंस, ल्यूपिन, करुर वैश्य बैंक, एस्कॉर्ट्स लिमिटेड, इंडियन होटल्स, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, फेडरल बैंक और टाइटन जैसे शेयर शामिल हैं।
आकासा एयर की शुरुआत :
राकेश झुनझुनवाला ने हाल ही में एविएशन इंडस्ट्री में कदम रखा था। उन्होंने आकासा एयर में इन्वेस्टमेंट किया। आकासा एयर का टारगेट लोगों को सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराना है। इस कंपनी में राकेश झुनझुनवाला ने 50 मिलियन डॉलर (400 करोड़ रुपए) का निवेश किया है। टाटा ग्रुप की कंपनियों टाटा टी और टाइटन से पैसा कमाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने अपनी मेहनत और कामयाबी के दम पर टाटा समूह की एयर इंडिया और दूसरी विमान कंपनियों को टक्कर देने के लिए अकासा एयर शुरू की।
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Rakesh Jhunjhunwala
भारत के वॉरेन बफे कहलाने वाले मशहूर इन्वेस्टर और बिजनेसमैन राकेश झुनझुनवाला ने एक इंटरव्यू में क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश पर पूछे जाने पर कहा था कि इक्विटी और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बिल्कुल अलग है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश स ट्टेबाजी की तरह है। उन्होंने कहा था एक दिन क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से धड़ाम हो जाएगी। उनकी यह बात सही साबित होती दिख रही है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों को पिछले एक साल से नुकसान उठाना पड़ रहा है। मार्केट-कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में पिछले एक साल में लगभग 50 फीसद से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
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