BNP NEWS DESK । Ayatollah Ali Khamenei ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का शिष्य माना जाता था। रईसी ईरान-इराक युद्ध के अंत में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक फांसी देने में शामिल रहे थे। उनके नेतृत्व में ईरान ने हथियार बनाने के आवश्यक स्तर तक यूरेनियम का संवर्धन किया।
Ayatollah Ali Khamenei रईसी ने एक बार संयुक्त राष्ट्र में दुनिया को संबोधित करने से पहले कुरान को चूमा था और एक नेता के बजाय एक उपदेशक की तरह अपनी बात रखी थी।
खामेनेई ने उन्हें ईरान की न्यायपालिका का प्रमुख बनाया था
रईसी 2017 में अपेक्षाकृत उदारवादी नेता हसन रूहानी के हाथों राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे। इसके बाद खामेनेई ने उन्हें ईरान की न्यायपालिका का प्रमुख बनाया था। लेकिन चार साल बाद वह सत्ता में आए। वर्ष 2021 के चुनाव में रईसी के लिए चुनौती पेश कर सकने वाले उम्मीदवारों को खामेनेई के नेतृत्व वाली एक समिति द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद वह आसानी से राष्ट्रपति चुने गए। Ayatollah Ali Khamenei
सामूहिक फांसी की सजा सुनाई
इस चुनाव में मात्र दो करोड़ 89 लाख लोगों ने मतदान किया जो ईरान के इतिहास में अब तक का सबसे कम मतदान है। इस चुनाव में रईसी को करीब 62 प्रतिशत वोट मिले। चुनाव जीतने के बाद जब एक संवाददाता सम्मेलन में रईसी से ईरान-इराक युद्ध के बाद 1988 में राजनीतिक कैदियों को दी गई सामूहिक फांसी के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने इससे जुड़े आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।
इस दौरान राजनीतिक कैदियों, प्रदर्शनकारियों और अन्य लोगों को फांसी दी गई थी। जिस समिति ने सामूहिक फांसी की सजा सुनाई थी, रईसी उसके सदस्य थे। Ayatollah Ali Khamenei
रईसी ऐसे समय में राष्ट्रपति बने थे, जब वैश्विक शक्तियों और रूहानी के बीच हुआ परमाणु समझौता अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पीछे हटने के कारण असफल हो गया था। ट्रंप के इस कदम के कारण ईरान और अमेरिका के बीच नए सिरे से तनाव पैदा हो गया। भले ही रईसी ने समझौते में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई, लेकिन उनका प्रशासन अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण से बचता रहा। समझौते को बहाल करने के लिए विएना में बातचीत उनकी सरकार के शुरुआती महीनों में रुकी रही थी।
रईसी ने सितंबर, 2021 में संयुक्त राष्ट्र में कहा था, ‘प्रतिबंध लगाना दुनिया के देशों के साथ अमेरिका के युद्ध करने का नया तरीका है।’ उन्होंने कहना था, ‘अधिक से अधिक उत्पीड़न की नीति अब भी बरकरार है। जिस पर हमारा हक है, हम उससे अधिक कुछ नहीं मांग रहे।’
हिजाब नहीं पहनने के कारण हिरासत में ली गई महसा अमीनी
हिजाब नहीं पहनने के कारण हिरासत में ली गई महसा अमीनी की मौत के बाद 2022 में ईरान में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। रईसी के कार्यकाल में प्रदर्शनकारियों पर महीनों चली कार्रवाई में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 22,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। संयुक्त राष्ट्र की एक जांच समिति ने बाद में पाया था कि ईरानी अधिकारियों द्वारा की गई ‘शारीरिक हिंसा’ के कारण अमीनी की मौत हुई थी।
इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ
इसके बाद 2023 में इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ जिसमें ईरान समर्थित मिलिशिया ने इजरायल को निशाना बनाया। ईरान ने भी अप्रैल में इजरायल पर एक असाधारण हमला किया, जिसमें सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं। हालांकि इजरायल, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने इनमें से अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया था।
रईसी जब पांच वर्ष के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था
रईसी का जन्म 14 दिसंबर, 1960 को मशहद में ऐसे परिवार में हुआ था, जो पैगंबर मुहम्मद के वंश से संबंध रखता है और उसकी पहचान उसकी काली पगड़ी से होती है। रईसी जब पांच वर्ष के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। वह शियाओं के पवित्र शहर कोम स्थित एक मदरसे में गए और उन्होंने बाद में खुद को उच्च श्रेणी के शिया मौलवी-अयातुल्लाह के रूप में वर्णित किया।
‘अत्यधिक अनुभव वाला भरोसेमंद व्यक्ति’
खामेनेई ने ईरान के पूर्व अटार्नी जनरल रईसी को 2016 में इमाम रजा परमार्थ संगठन के संचालन के लिए नियुक्त किया था जो ईरान में कई कारोबारों का प्रबंधन करता है। संगठन में रईसी को नियुक्त करते समय खामेनेई ने उन्हें ‘अत्यधिक अनुभव वाला भरोसेमंद व्यक्ति’ कहा था। इसके बाद ही विश्लेषकों ने अटकलें लगाई थीं कि खामेनेई रईसी को ईरान के तीसरे सर्वोच्च नेता के संभावित उम्मीदवार के रूप में तैयार कर रहे हैं।
ईरान का सर्वोच्च नेता एक शिया मौलवी होता है जो सरकार संबंधी सभी मामलों में अंतिम निर्णय लेता है और देश के कमांडर-इन-चीफ के रूप में काम करता है।
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Ayatollah Ali Khamenei
ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का शिष्य माना जाता था।
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