BNP News Desk। Queen Elizabeth इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ (द्वितीय) 1961 में दिल्ली आई थीं। भारत यात्रा के दौरान वह वाराणसी, अहमदाबाद, जयपुर, उदयपुर, कोलकाता, मुंबई, बंगलूरू, और चेन्नई गई थीं। उस समय वह तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के साथ वाराणसी आई थीं। 25 फरवरी 1961 में रामनगर का किला घूमने के बाद उन्होंने पं. नेहरू और महाराजा बनारस विभूति नारायण के साथ बजरे पर गंगा की सैर भी की थी। काशी में उन्होंने फोटोग्राफी भी कराई थी। नवंबर 2015 में पीएम नरेन्द्र मोदी ब्रिटेन यात्रा के दौरान जब एलिजाबेथ से मिले तो उन्होंने उनके वाराणसी दौरे का जिक्र किया था। बकिंघम पैलेस में मोदी के लिए महारानी के साथ लंच का आयोजन किया गया था। पीएम मोदी ने महारानी को उनकी 54 साल पुरानी कुछ तस्वीरें तोहफे में दीं। इसमें बनारसी शॉल भी शामिल थी।
बात वर्ष 1961 जनवरी-फरवरी की है जब अपने पहले भारत दौरे पर पहुंचीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके पति प्रिंस फिलिप के दिल्ली आगमन को लेकर लोगों के बीच जबरदस्त उत्साह था और उतने ही उत्साह के साथ शाही दंपति का जोरदार स्वागत किया गया था, जिसे लेकर कई बार शाही परिवार ने अलग-अलग समय पर इसका जिक्र कर खुशी भी जतायी थी। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ बनारस आईं एलिजाबेथ की अगवानी में रामनगर दुर्ग से लेकर विजयानगरम किला ही नहीं पूरे शहर ने उनकी अगवानी में पलक पांवड़े बिछाए थे।
गंगा तट पर पहुंच कर बजड़े पर सवार हुईं। बलुआघाट से राजघाट से की ओर जाते व आते समय जब उनका बजड़ा गुजरा तो घाट काशीवासियों से ठसा हुआ था। डमरुओं की थाप तो तिरंगा लहराते काशीवासियों ने हर हर महादेव के उद्घोष से गंगा का किनारा गूंजा दिया।
एलिजाबेथ विजयानगरम की भी मेहमान बनीं। वहां उन्हें मलाई से बनी खीर खिलाई गई। इन्हें परोसने के लिए भोजन का चयन कई दिनों से किया जा रहा था। उन्होंने जब चाव से खीर खाई और प्रशंसा की तो सभी के चेहरे खिल उठे, मानो मेहनत सफल हो गई। यही नहीं काशी दर्शन के बाद महारानी ने नदेसर पैलेस में भी बनारसी जायके का स्वाद लिया। बीएचयू व सारनाथ का भी भ्रमण किया। इंग्लैंड के महारानी के काशी दौरे की फाइल फोटो रामनगर दुर्ग से लेकर बीएचयू तक के पास आज भी सुरक्षित है। उस समय इंग्लैंड की महारानी को तत्कालीन महापौर कुंज बिहारी गुप्त ने बनारस नगर के प्रवेश द्वार पर सम्मान के तौर पर नगर की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी थी।
Queen Elizabeth दिल्ली में रामलीला मैदान में भारी संख्या में महारानी के स्वागत में पहुंचे लोगों ने भारतीय और ब्रिटिश ध्वज थामा हुआ था। इस मौके पर दिल्ली के तत्कालीन महापौर शामनाथ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की उपस्थिति में युवा शाही जोड़े को मंच पर मालाएं पहनाईं। उस दौरान महारानी एलिजाबेथ ने राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस समारोह में भी शिरकत की थी। महारानी ने राजघाट का दौरा कर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी थी।
अपने पहले भारत दौर के दौरान महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप ने आगरा, बंबई (अब मुंबई), बनारस (अब वाराणसी), उदयपुर, जयपुर, बैंगलोर (अब बेंगलुरु), मद्रास (अब चेन्नई) और कलकत्ता (अब कोलकाता) की भी यात्रा की थी। महारानी और उनके पति जहां-जहां गए लोगों की भारी भीड़ उनके स्वागत और उनकी एक झलक पाने को उमड़ पड़ती थी।
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Queen Elizabeth
25 फरवरी 1961 में रामनगर का किला घूमने के बाद उन्होंने पं. नेहरू और महाराजा बनारस के साथ बजरे पर गंगा की सैर भी की थी। काशी में उन्होंने फोटोग्राफी भी कराई थी।
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