बीएनपी न्यूज डेस्क। काशी में रंगभरी एकादशी पर काशीवासियों के साथ 14 मार्च को रंगभरी होली खेलने के बाद दूसरे दिन भगवान शिव अपने गणों के संग महाश्मशान में चिता भस्म से होली खेलते हैं। इस बार मसान की होली में ब्रज और द्वारिका के रंग भी घुलेंगे। रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन महाश्मशान पर होने वाली चिता भस्म की होली इस साल 15 मार्च को और भव्य रूप में मनाई जाएगी।
रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ की आरती के समय में बदलाव किया गया है। 14 मार्च को होने वाले रंगभरी के उत्सव पर भगवान शिव एवं पार्वती की चल प्रतिमाओं का भव्य शृंगार किया जाएगा। शाम को सात बजे होने वाली सप्तर्षि आरती रंगभरी के दिन अपराह्न तीन बजे होगी। रात्रि नौ बजे होने वाली शृंगार भोग आरती अपराह्नन पांच बजे प्रारंभ होगी। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट रात्रि 11:30 बजे तक दर्शन के लिए खुले रहेंगे।
अपराह्नन 11:30 बजे से प्रारंभ होकर 12 बजे आरती के साथ ही मसाने की होली शुरू होगी। द्वारिका से आए संदेश के चलते इस वर्ष श्री कृष्ण के पसंद के रंगों को भी मसाने की होली में शामिल कर भस्म के साथ दिव्य होली खेली जाएगी। महाश्मशाननाथ सेवा समिति के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने बताया कि फाल्गुल शुक्ल द्वादशी को महाश्मशान पर चिता भस्म के साथ होली खेली जाती है।
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