बीएनपी न्यूज डेस्क। अब ध्वनि प्रदूषण आपको परेशान नहीं करेगा। अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट (पहडिय़ा) के छात्रों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो साइलेंस जोन में वाहनों के हार्न व डीजे को आवाज स्वत: नियंत्रित करता है। यही नहीं अस्पताल व स्कूल कालेज के पास डीजे आटोमेटिक बंद हो जाएगा। वहीं शादी-विवाह में रात दस बजे के बाद डीजे बजाने पर इसकी सूचना संबंधित थाने की पुलिस को भी दे देगा। अशोका इंस्टीट्यूट ने इस डिवाइस का नाम अशोका नाइस पाल्यूशन कंट्रोलर रखा है।
यह उपकरण बीटेक (कंप्यूटर साइंस) तृतीय वर्ष के आदित्य श्रीवास्तव, वैभव शुक्ला व ङ्क्षप्रस कुमार ने मिलकर बीस दिनों में तैयार किया है। प्रोजेक्ट हेड श्याम चौरसिया के निर्देशन में तीनों छात्रों ने यह उपकरण महज छह हजार रुपये खर्च कर बनाया है। छात्रों ने बताया कि इसमें एक ऐसा सेंसर लगाया गया है जो साउंड को कंट्रोल करता है, जिस स्थान पर हार्न न बजाने का बोर्ड लगा होगा उसी के पीछे इस उपकरण का सेंसर लगा दिया जाएगा। कोई भी वाहन अथवा डीजे वाला हार्न अथवा तेज स्पीकर बजाते हुए गुजरेगा तो इंफ्रारेड सिग्नल के जरिए उसकी आवाज को बंद कर देगा। वाहन अथवा डीजे जब तक सेंसर की रेंज में रहेगा तब तक उसकी आवाज बाधित रहेगी। रेंज के बाहर जाते ही वाहन अथवा डीजे की आवाज स्वत: वापस आ जाएगी। ऐसे में यदि डीजे में इस उपकरण को अनिवार्य कर दिया जाए तो उसे शोर मचाने वाले वाहनों का अलर्ट लगातार मिलता रहेगा।
स्पीकर में अनिवार्य करना होगा चिपप्रोजेक्ट
हेड श्याम चौरसिया के मुताबिक डीजे का शोर नियंत्रित करने के लिए पुलिस को स्पीकर में चिप लगाना अनिवार्य करना होगा। यह चिप 70 से 100 रुपये में आएगी, जिसके लिए सिर्फ एक बार ही पैसे खर्च करने होंगे। डीजे मालिक अगर इस चिप को निकालेगा तो पुलिस तक सूचना स्वत: पहुंच जाएगी। इस डिवाइस की रेंज अभी 15 मीटर के आसपास है। इसमें वाईफाई लगने के बाद इसकी रेंज सौ मीटर तक बढ़ाई जा सकेगी। अगर इसे हम इंटरनेट से जोड़ देंगे तो कुछ जगहों से आने वाली आवाज के साथ उसकी वीडियो क्लिप भी पुलिस के पास पहुंच जाएगी। संस्था के वाइस चेयरमैन अमित मौर्य ने विश्वास जताया कि यह उपकरण ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
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