BNP NEWS DESK। mukhtar ansari फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के 37 साल पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को अदालत ने मंगलवार को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम ने यह फैसला सुनाते हुए सजा के लिए बुधवार का दिन तय किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह व सीबीसीआइडी के वरिष्ठ ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी उदयराज शुक्ला ने पैरवी की।
mukhtar ansari अभियोजन पक्ष के अनुसार मुख्तार ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआइडी ने चार दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार के खिलाफ 1997 में अदालत में आरोपपत्र प्रेषित कर दिया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ मुकदमा समाप्त कर दिया गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत 10 गवाहों का बयान दर्ज किया गया। मुख्तार के वकील की दलील थी कि अभियोजन ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका कि मुख्तार ने दस्तावेजों में स्वयं अथवा किसी अन्य के द्वारा कोई छेड़छाड़ की हो या कराई हो।
मुख्तार ने आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन किया था लेकिन न तो कोई शस्त्र खरीदा गया और न ही खरीदने का कोई साक्ष्य पत्रावली में है। अदालत ने दलील को अस्वीकार करते हुए उसे फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने का दोषी करार दिया है।
मुख्तार को आजीवन कारावास सहित सात मामलों में मिल चुकी है सजा
-बांदा जेल में बंद मुख्तार को बीते 17 माह में सात मामलों में अदालत से सजा सुनाई जा चुकी है। उसके विरुद्ध लंबित 64 मुकदमों में से 20 मुकदमों में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वह 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। उसके विरुद्ध दिल्ली में भी मुकदमे दर्ज हैं।
-21 सितंबर, 2022 को हाई कोर्ट ने धमकी धमकी देने के मामले में सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। जेलर को धमकी देने का मामला लखनऊ के आलमबाग थाने में दर्ज वर्ष 2003 में दर्ज हुआ था।
-23 सितंबर, 2022 को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।
-15 दिसंबर, 2022 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष की सजा हुई
-29 अप्रैल, 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में 10 वर्ष की सजा हुई ।
– पांच जून 2923 को अदालत ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह फैसला 32 वर्षों बाद आया था। मुख्तार के खिलाफ हत्या का यह पहला मामला था जिसमें उसको दोषी ठहराया गया था।
-27 अक्टूबर, 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा मिली।
-15 दिसंबर 2023 को वाराणसी के कोयला व्यवसायी और विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष रहे नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने के 27 साल पुराने मामले में साढ़े पाच साल की सजा सजा मिली।
-मुख्तार व उसके गिरोह की अब तक 605 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त कराई गई है।
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फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के 37 साल पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को अदालत ने मंगलवार को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।
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