BNP NEWS DESK। Gaganyaan Mission अंतरिक्ष में देश के पहले मानव मिशन गगनयान पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम मंगलवार को सामने आ गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में आयोजित समारोह के दौरान इनके नामों की घोषणा की।
Gaganyaan Mission इनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। वर्तमान में ये सभी गगनयान मिशन के लिए कठोर प्रशिक्षण ले रहे हैं। अंतरिक्ष में इस मानव मिशन को इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में लांच करने की तैयारी है।
40 सालों के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है
अंतरिक्ष में जाने वाले इन चारों यात्रियों से रूबरू कराते हुए मोदी ने कहा कि ये सिर्फ चार नाम और चार व्यक्ति नहीं हैं बल्कि ये 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली चार शक्तियां हैं। उन्होंने इस मिशन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 40 सालों के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है। मोदी ने कहा- ” लेकिन इस बार समय भी हमारा होगा, काउंटडाउन भी, यहां तक कि राकेट भी हमारा ही होगा।” Gaganyaan Mission
हम सभी एक और ऐतिहासिक सफर के साक्षी बनने जा रहे हैं
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनने की भारत की उपलब्धि का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आज शिवशक्ति प्वाइंट पूरी दुनिया को भारतीय सामर्थ्य से परिचित करा रहा है। अब विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में हम सभी एक और ऐतिहासिक सफर के साक्षी बनने जा रहे हैं। Gaganyaan Mission
उन्होंने कहा कि 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना स्टेशन होगा। पीएम ने कहा कि गगनयान में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश उपकरण मेड इन इंडिया है और यह अंतरिक्ष अनुसंधान में देश की आत्मनिर्भरता को रेखांकित करता है। यह भी एक बड़ा संयोग है कि जब भारत दुनिया की प्रथम तीन आर्थिक शक्तियों में शामिल होने की ओर अग्रसर है तो ऐसे में गगनयान मिशन भी भारत के स्पेस सेंटर को एक नई ऊंचाई देने को तैयार है।
भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अगले 10 वर्षों में पांच गुना बढ़ जाएगी
उन्होंने इसरो टीम से कहा-“आप सभी भविष्य की संभावनाओं के नए द्वार खोल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अनुमान है कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अगले 10 वर्षों में पांच गुना बढ़ जाएगी और 44 अरब डालर तक पहुंच जाएगी।
पीएम ने कहा कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में वैश्विक वाणिज्यिक केंद्र बन रहा है और आने वाले दिनों में वह एक बार फिर चंद्रमा पर जाएगा, वहां से नमूने लेगा। उन्होंने कहा- “इस अमृतकाल में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री भारतीय राकेट से चंद्रमा पर उतरेगा।”
अमृतकाल की पीढ़ी के प्रतिनिधि
पीएम ने अंतरिक्ष यात्रियों की प्रशिक्षण के प्रति समर्पण की सराहना की, जिसमें योग का अभ्यास भी शामिल था। उन्होंने कहा कि आप भारत का विश्वास, शौर्य और साहस हैं। देश की शुभकामनाएं आपके साथ हैं। आप अमृतकाल की पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं जोकि चुनौतियों को चुनौती देने का जज्बा रखते हैं।
इससे पहले, मोदी ने वीएसएससी की अपनी यात्रा के दौरान इसरो की लगभग 1,800 करोड़ रुपये की तीन प्रमुख अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में एसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआइएफ), महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन काम्प्लेक्स में नई सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा और वीएसएससी तिरुअनंतपुरम में ट्राइसोनिक विंड टनल शामिल हैं।
ये है गगनयान मिशन
गगनयान मिशन का लक्ष्य तीन दिवसीय अंतरिक्ष मिशन के तहत यात्रियों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और फिर उनकी सुरक्षित वापसी है। क्रू माड्यूल के अंदर बैठकर ही ये अंतरिक्ष यात्री धरती के चारों तरफ निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे।
100 में से चार पायलट का चयन
100 पायलटों में से चुने गए इन चार पायलटों यानी अंतरिक्ष यात्रियों की कड़ी ट्रेनिंग चल रही है। इसकी वजह भी है कि मिशन कठिन है। जमीन से करीब 400 किलोमीटर ऊंचाई पर इनको क्रू माड्यूल यानी एक तरह के कैप्सूल में रहना हैं। जब मिशन पूरा हो जाएगा तो इन्हें इस माड्यूल को समुद्र में सुरक्षित उतारना है। यदि कोई दिक्कत आती भी है तो इसमें एक पैराशूट भी लगा है ताकि अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित जमीन पर आ सके।
पीएम ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महिलाओं की अहम भूमिका पर जोर दिया
इस अवसर प्रधानमंत्री ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाहे चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसी किसी भी परियोजना की कल्पना नहीं की जा सकती है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में देश ने लगभग 400 उपग्रह लांच किए
उन्होंने कहा कि इसरो में 500 से अधिक महिलाएं नेतृत्व की स्थिति में हैं। उन्होंने पिछले 10 वर्षों में अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की तुलना 2014 से पहले के दस सालों से करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में देश ने लगभग 400 उपग्रह लांच किए, जबकि उससे पहले केवल 33 उपग्रह लांच किए गए थे।
The Review
Gaganyaan Mission
अंतरिक्ष में देश के पहले मानव मिशन गगनयान पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम मंगलवार को सामने आ गए।
Discussion about this post