Bnp news desk । Metro Train कोलकाता मेट्रो ने गंगा नदी के नीचे से पहली मेट्रो बुधवार को हावड़ा मैदान तक ले जाकर इतिहास रच दिया। लंबे इंतजार के बाद देश की पहली Metro Train गंगा नदी के नीचे से दौड़ी। भारत में यह पहली अंडरवाटर मेट्रो परियोजना है। इस ऐतिहासिक पल के गवाह कोलकाता मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी बने।
Metro Train कोलकाता के बीबीडीबाग महाकरण से हावड़ा मैदान स्टेशन तक उन्होंने Metro Train की पहली यात्रा की। इस दौरान रेड्डी के साथ मेट्रो के अतिरिक्त महाप्रबंधक एचएन जायसवाल, कोलकाता मेट्रो रेलवे कारपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) के एमडी समेत मेट्रो के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ट्रेन के पहुंचने के बाद रेड्डी ने हावड़ा स्टेशन पर पूजा की।
हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ट्रायल रन
बाद में एक अन्य ट्रेन को भी हावड़ा मैदान स्टेशन ले जाया गया। महाप्रबंधक ने बताया कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ट्रायल रन अगले सात महीनों तक चलेगा, इसके बाद इस खंड पर नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी। मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा है कि यह बंगाल के लोगों के लिए भारतीय रेलवे की ओर से बांग्ला नववर्ष पर एक विशेष तोहफा है। जल्द ही हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक 4.8 किलोमीटर के अंडरवाटर खंड पर ट्रायल रन शुरू होगा। एक बार यह खंड खुल गया तो हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन (सतह से 33 मीटर नीचे) हो जाएगा।
– 520 मीटर लंबी है सुरंग
– 1.4 मीटर मोटी है सुरंग की
– 45 सेंकड में पूरी होगी हावड़ा से कोलकाता के बीच की दूरी
– पानी के नीचे बनी सुरंग से होकर गुजरी मेट्रो
– 5.8 मीटर है पानी के नीचे डाले गए टनल का व्यास
– 20 करोड़ प्रति किलोमीटर का खर्च सुरंग बनाने में
– 4.8 किमी की दूरी तय होगी ट्रायल रन के दौरान
हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश में सबसे गहरा होगा
इस मेट्रो के संचालन के साथ-साथ हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश में सबसे गहरा होगा। इसकी गहराई 33 मीटर है। फिलहाल दिल्ली मेट्रो में हौज खास सबसे गहरा है। यह 29 मीटर की गहराई पर स्थित है। इतनी गहराई में बनाने के बावजूद भूकंप जैसी आपात स्थिति से निकासी के लिए सुरंग की व्यवस्था है। कोलकाता मेट्रो रेलवे कारपोरेशन ने जर्मन मशीनों और विशेषज्ञों की मदद से इसे बनाया है।
भारत में सबसे पहली मेट्रो भी कोलकाता में ही चली थी
भारत में सबसे पहली मेट्रो भी कोलकता में ही चली थी। यह 24 अक्टूबर 1984 में शुरू हुई थी। उद्घाटन तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने किया था। 18 साल बाद 2002 में दिल्ली में शुरू हुई थी।
ऐसे पड़ी पानी के नीचे रेल सेवा की नींव
पानी के नीचे रेल लाइन बनाने की शुरुआत लंदन की सबवे रेलवे से हुई। विश्व में पहली बार थेम्स नदी के नीचे वर्ष 1843 में 396 मीटर लंबी रेल सुरंग बनाई गई थी। इसके बाद से ही विश्व में पानी के नीचे रेल नेटवर्क तैयार करने का सिलसिला आरंभ हुआ।
विश्व के प्रमुख अंडरवाटर रेल नेटवर्क में इटली और स्विट्जरलैंड के बीच 57 किमी लंबी गोटहार्ड बेस टनल, इंग्लैंड से यूरोप के अन्य देशों तक चलने वाली अंतर क्षेत्रीय ट्रेन सेवा की 37.9 किमी लंबी द चैनल टनल और जापान की सैकन टनल प्रमुख हैं।
वर्ष 1988 में बनी सैकन टनल 23 किमी लंबी है।भारत की इस पहली अंडर वाटर मेट्रो की तुलना यूरोस्टार से की जा रही है, जो लंदन और पेरिस को जोड़ती है।
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Metro Train कोलकाता मेट्रो ने गंगा नदी के नीचे से पहली मेट्रो बुधवार को हावड़ा मैदान तक ले जाकर इतिहास रच दिया।
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