BNP NEWS DESK। Lok Sabha विपक्षी सांसदों के एजेंड़े में वैसे तो अदाणी, मणिपुर, संभल की घटना और वायु प्रदूषण जैसे कई मुद्दे है लेकिन संसद में सबसे अधिक शोर अदाणी मुद्दे को लेकर ही है। शीत सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को भी विपक्ष ने अदाणी मुद्दे की जेपीसी जांच और संभल की घटना को लेकर दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया।
विपक्षी सांसदो को समझाने की कोशिश की गई उनके रुख में कोई बदलाव नहीं
Lok Sabha टीएमसी को छोड़कर लगभग सभी विपक्षी दलों के सांसद इसमें शामिल थे। इसके चलते दोनों ही सदनों का काम-काज ठप रहा। विपक्षी सांसदो को समझाने की कोशिश भी की गई, लेकिन उनके रुख में कोई बदलाव नहीं दिखा। आखिरकार दोनों सदनों की कार्यवाही को पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए बाद में पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद में गुरुवार को हंगामे की यह शुरूआत लोकसभा से हुई। जब दो नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने के बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्ष ने पहले अपनी सीटों से खड़े होकर अदाणी मुद्दे पर चर्चा तथा जेपीसी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले तो उनकी मांगों को अनसुना किया। Lok Sabha
विपक्षी सांसद जब वेल में आकर नारेबाजी करने लगे, तो आश्वासन दिया कि वे उन्हें सभी मुद्दों पर चर्चा करने का मौका देंगे पर यह तरीका ठीक नहीं है। नियमों के तहत चर्चा की अनुमति दी जाएगी। हालांकि विपक्षी सांसदों ने इससे अनसुना कर दिया।
राज्यसभा में भी अदाणी व संभल की घटना को लेकर विपक्ष का रूख ऐसा ही रहा और सभापति जगदीप धनखड़ ने अपनी मांग पर अडे़ सांसदों को नियम 267 के तहत चर्चा की जिद छोड़ने की नसीहत दी। धनखड़ और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी के बीच नियमों को लेकर बहस भी हुई पर गतिरोध खत्म होते न देख राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित हो गई। धनखड़ ने विपक्ष के रवैए पर नाराजगी जताते हुए कहा कि संसद में व्यवधान कोई उपाय नहीं बल्कि यह एक बीमारी है जो भारत के लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है।
प्रियंका और चव्हाण ने ली शपथ
वायनाड व नादेड लोकसभा सीट के लिए हाल ही में उपचुनाव में जीत कर आई प्रियंका गांधी और रवींद्र चव्हाण ने गुरुवार को संसद भवन पहुंच शपथ की। वायनाड से निर्वाचित प्रियंका गांधी अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के साथ संसद भवन पहुंची। इस दौरान उन्होंने हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ ली। पहली बार बतौर सांसद संसद भवन पहुंची प्रियंका का कांग्रेसी सांसदों ने स्वागत भी किया।
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