BNP NEWS DESK। Arvind Kejriwal दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगेगा या नहीं, इस पर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार नहीं चला सकेंगे।
Arvind Kejriwal राजनिवास के स्तर पर केजरीवाल और दिल्ली सरकार की हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखी जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि सप्ताह भर से किस हद तक प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।
गिरफ्तारी और रिमांड के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर
इस बीच, गिरफ्तारी और रिमांड के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका पर केजरीवाल को बुधवार को कोई राहत नहीं मिली। गिरफ्तारी के मामले पर हस्तक्षेप करने से अदालत ने इन्कार कर दिया। Arvind Kejriwal
अब छह दिन का ईडी रिमांड पूरा होने पर उन्हें गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से अदालत गुरुवार को ही उन्हें ईडी रिमांड पर या फिर न्यायिक हिरासत में भेज सकती है। Arvind Kejriwal
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल से सरकार चलाने की मंशा पर बुधवार को एलजी वीके सक्सेना ने भी अपने इरादे साफ कर दिए। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में वह बोले, ‘मैं दिल्ली की जनता को यह भरोसा दिलाता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलेगी।‘ बताया जा रहा है कि इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है।
आप सरकार की ओर से जिन दो आदेशों व निर्देशों को लेकर यह प्रचारित किया जा रहा है कि केजरीवाल ईडी की गिरफ्त में होते हुए भी जनता के लिए काम कर रहे हैं, दिल्ली पुलिस के स्तर पर उन आदेशों की सच्चाई पता की जा रही है।
दिल्ली में काम करना लोहे के चने चबाने जैसा
कार्यक्रम में एक अन्य सवाल के जवाब में एलजी ने कहा कि दिल्ली में काम करना लोहे के चने चबाने जैसा है, लेकिन बीते दो वर्षों में दिल्ली को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने बहुत से काम किए हैं, जो नजर भी आते हैं। आने वाले महीनों में दिल्ली को विश्वस्तरीय राजधानी बनाने के लिए किए जा रहे प्रयास और तेज किए जाएंगे।
क्या हैं विकल्प
राजनिवास सूत्रों ने बताया कि जेल नियमावली के अनुसार, सीएम न वहां कोई बैठक कर सकते हैं और न ही फाइलों या पत्रों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इससे पद और गोपनीयता भी भंग होती है।
अब अगर कैबिनेट बैठक नहीं होगी तो निर्णय नहीं लिए जा सकेंगे। एलजी की स्वीकृति के लिए भी फाइल सीएम द्वारा ही भेजी जाती है, लेकिन 21 फरवरी से, जब से केजरीवाल गिरफ्तार हुए हैं, उक्त दोनों ही प्रक्रियाएं बंद हैं। आप सरकार के पास पूर्ण बहुमत है।
इस सूरत में सीधे तौर पर राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता। ऐसा तभी संभव है, जब दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो जाए। सूत्रों की मानें तो अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते एवं जेल से सरकार चलाने की नाकाम कोशिश करते रहते हैं तो लंबित फाइलों की संख्या बढ़ती जाएगी।
जिससे संवैधानिक संकट खड़ा होना तय है। हां, यदि केजरीवाल इस्तीफा देते हुए किसी और को सीएम बना देते हैं तो सरकार अवश्य ही बचे हुए अगले नौ-दस माह भी पूरे कर सकती है।
केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया है, ऐसे में यदि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो यह सीधे तौर पर अदालत पर निर्भर होगा कि वह उन्हें मुख्यमंत्री पद के दायित्व का निर्वहन करने देती है या नहीं।
इसे लेकर संवैधानिक नियम-कायदे जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि, पूर्व में ऐसा कोई मामला ध्यान में नहीं आता, जब किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ने जेल में रहकर सरकार चलाई हो।
किसी सरकारी अधिकारी के जेल जाने की स्थिति में उसे निलंबित करने का कानून है, लेकिन राजनेताओं पर कानूनी तौर पर ऐसी कोई रोक नहीं है। फिर भी चूंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, ऐसे में अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो राष्ट्रपति दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।
-न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुधीर अग्रवाल, न्यायिक सदस्य, एनजीटी
केजरीवाल अगर जेल जाते हैं तो उनके लिए जेल नियमावली नहीं बदली जाएगी। वह जेल से केवल पत्र लिख सकते हैं। फाइलें देखने, आर्डर जारी करने या कोई बैठक करने की छूट नहीं दी जा सकती।
-उमेश सैगल, पूर्व मुख्य सचिव, दिल्ली
The Review
Arvind Kejriwal
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगेगा या नहीं, इस पर अभी कुछ कह पाना मुश्किल है,
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